वास्तविक जीवन से प्रेरित हिंदी कहानी
लंबा रिश्ता रखने की परेशानियां – हिंदी कहानी – Hindi Love Story
क्या आपने कभी किसी बड़े बुजुर्ग के मुहँ से यह सुना है कि रिश्ता करने और शादी के बीच ज्यादा महीनों का फर्क नहीं होना चाहिए। एक बार रिश्ता करने के बाद शादी 2 से 3 महीने के अंदर-अंदर हो जानी चाहिए। मैंने भी यह बात बड़ों के मुंह से कई बार सुनी थी, पर कभी इसे इतनी गहराई से सोचा नहीं था।
पर जब तनीषा और आकाश का रिश्ता हुआ तब यह बात समझ में आने लगी। सितंबर माह में उन दोनों की सगाई की गई। हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी से पहले शादियां नहीं हो सकती। यह देवउठनी एकादशी दिवाली से 11 दिन बाद आती है। इस बार दिवाली नवंबर में थी, इसका मतलब नवंबर के बाद ही शादी होगी। दादी ने बहुत जोर लगाया कि शादी नवंबर या दिसंबर में ही निकलवा लो। लेकिन लड़के की मां को इससे परेशानी थी उन्होंने कहा कि लड़के की छोटी बहन सी ए के पेपर दे रही है और वह पेपर दिसंबर में है तो नवंबर और दिसंबर में शादी नहीं कर सकते। उसके बाद दोनों के नाम जनवरी के महीने में कोई तिथि नहीं निकल पाई। अगली तिथि निकली फरवरी माह में।
दादी परेशान हो रही थी, सबने कहा बेकार में परेशान हो रही हैं, जितना लंबा समय होगा उतना ही अच्छा होगा। लड़के और लड़की को एक दूसरे को समझने के लिए वक्त मिल जाएगा। दादी ने कहा कि बेटा इतने लंबे समय में जरूरत से ज्यादा ही समझ जाएंगे तो परेशानी हो जाएगी। मुझे यह बात समझ नहीं आई।
जैसे-जैसे दिन बीतने लगे, 1 – 2 छोटी-मोटी बातें सामने आने लगी ; जैसे कि तनीषा ने कहा कि वह लड़का उसे जल्दी-जल्दी फोन नहीं करता, वह उससे फोन पर बात नहीं करता, जब भी फोन करें तो वह कहता है मैं बिजी हूं। जब लड़के की मां को इस बात की शिकायत की गई तो उन्होंने कहा कि लड़का काम पर बहुत ही बिजी रहता है तो फोन पर कैसे बात करें। अरे भाई, तो रात को बात कर ले – इस पर लड़के का जवाब था कि जॉइंट फैमिली है – प्यार भरी बातें करने के लिए कोई खाली कमरा ही नहीं मिलता तो वह कैसे बातें करें और अगर वह बाहर बालकनी में खड़ा होकर बातें करता है तो उसे मच्छर खाते हैं। इसलिए उसने लड़की को यह कहा कि तुम केवल व्हाट्सएप पर ही बात किया करो फोन पर मैं बात नहीं कर पाऊंगा।
थोड़ा अटपटा लगा, अगर वह चाहता तो इसका कोई ना कोई सलूशन निकाल सकता था। गली में घूमते फिरते या गाड़ी में बैठ कर बात कर सकता था, या किसी कमरे के एक कोने में बैठ जाता, और कुछ नहीं तो रसोई में बैठ कर बात कर लेता। इस समय तो शरीर के अंदर इतनी उत्तेजना (excitement) होती है कि जगह अपने आप ही मिल जाती है। पर ऐसा नहीं हुआ। तनिषा ने whatsapp से ही सब्र कर लिया।
पहली के बाद दूसरी परेशानी कड़ी हो गयी – तनीषा कहने लगी – कुछ नयी और प्यार भरी बातें नहीं करता, घूम फिर कर बस वही बातें होती हैं कि आज क्या किया, क्या खाया, कहां गए और क्या बात करें। “हां तो,” दादी ने कहा और क्या बात करेगी, इतनी ही बातें होती है शादी से पहले तो। बात करने के विषय तो शादी के बाद ही बनते हैं, पर तनीषा समझने को तैयार नहीं थी। वह कहती थी कि नहीं सारी बातें मुझसे करो – मुझे बताओ कि तुम कहां जा रहे हो, तुम क्या खरीद कर लाए, तुम क्या कर रहे हो।
कुछ दिनों बाद एक तीसरा मुद्दा और खड़ा हो गया – सोशल मीडिया तो है ही सारे फसाद की जड़। तनीषा ने आकाश को इंस्टाग्राम पर फॉलो रिक्वेस्ट भेजी, तो उसने यह कहकर ठुकरा दी कि मैं किसी को फॉलो नहीं करता।तनीषा ने थोडा रूठ कर कहा कि क्या आप मेरी फोटो नहीं देखना चाहेंगे, तो उसने कहा नहीं मुझे तुम्हारी फोटो देखने में कोई इंटरेस्ट नहीं है। अब इस बात से तनीषा हमारी फिर से परेशान हो गई। बड़ी मुश्किलों से उसको समझाया कि कोई बात नहीं शादी के बाद तो सब कुछ एक्सेप्ट करेगा ही।
तनीषा के जन्मदिन के साथ चौथी समस्या आ गयी – इस बर्थडे के लिए तनीषा बहुत ज्यादा एक्साइटेड थी। होना भी चाहिए – सगाई होने के बाद और शादी से पहले का जन्मदिन आया है तो कुछ खास तरीके से ही मनाया जाएगा ।इस जन्मदिन पर तो वह दुनिया की सबसे खास लड़की बन जाएगी उसे बहुत ही स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाएगा।
केवल एक सप्ताह ही बचा था पर आकाश ने अभीतक अपने आप से कोई बात ही नहीं छेड़ी। आखिरकार तनीषा ने ही 1 दिन मौका ढूंढ लिया । उसने कहा कि जिस महीने में आपका जन्मदिन आता है उसी महीने में मेरी मम्मी का भी जन्मदिन आता है। बस जन्मदिन की बात छेड़ दी थी मतलब तीर सही निशाने पर लगा। थोड़ी देर में तनीषा ने पूछा कि क्या आपको याद है मेरा जन्मदिन कब है? “हाँ, हाँ, मुझे सब याद है, हम लोग घर में बैठ कर बात कर रहे थे कि तुम्हारा जन्मदिन आने वाला है तो कैसे मनाएं” तनीषा सुनकर बहुत खुशी उसने कहा अच्छा बताइए कैसे बनाएंगे? चलो हम सब मिलकर पार्टी करने चलते हैं, मम्मी-पापा, दीदी, भैया, सभी लोग।
आकाश ने कहा, “नहीं, नहीं, हमारे यहां जन्मदिन वगैरह को ज्यादा नहीं मनाया जाता।” तनीषा ने हैरान होकर कहा, “आपके घर में जन्मदिन नहीं मनाया जाता, आप लोग केक नहीं काटते, कहीं घूमने नहीं जाते, जिसका जन्मदिन हो उसको कोई तोहफा नहीं देते?” आकाश ने बड़े ही फीका सा जवाब दे दिया, “नहीं”। तो फिर आप मेरे जन्मदिन पर कुछ नहीं करेंगे? उसने बोला, हाँ करूंगा ना। तुम्हारे जन्मदिन पर हम दोनों कहीं बाहर चलते हैं – खाना खाने।
तो जन्मदिन आ गया, दोनों खाना खाने चले गए ।आकाश एक गिफ्ट लेकर आ गया तनीषा बहुत कुछ रोमांटिक बातों की उम्मीद कर रही थी । लेकिन आकाश तो केवल एक छोटा सा गिफ्ट लेकरआया और उसे खाना खिला कर अलविदा कर दिया।
अब छोटी-छोटी परेशानियां बड़ा रूप लेने लग गई थी। तनीषा के बार-बार फोन करने से आकाश चिड़चिड़ा हो जाता था लेकिन तनीषा यह चाहती थी कि वह उससे रोज बात करें, उसे घुमाने फिराने ले जाए। किसी तरीके से 2 महीने तो कट गए लेकिन अब आकाश को इस रिश्ते में घुटन होने लगी थी ।
तनीषा भी कब से चुप बैठी थी, आखिरकार उसने भी एक दिन कह दिया कि आप मुझे फोन नहीं करते, मिलते नहीं हो, क्या आप मैं आपको पसंद नहीं हूं? क्या आपने अपने घर वालों के कहने से मुझसे रिश्ता जोड़ा है? क्या आप घर वालों के कहने से ही मुझसे मिलने आए थे? यह सब सुनकर आकाश बहुत ही बुरी तरह बौखला उठा उसने बोला अगर मैं तुम्हें पसंद नहीं करता तो सगाई क्यों करता, तुमसे मिलने क्यों आता? तो तनीषा बिगड़ गई कि आपने यह सभी काम अपने घर वालों के कहने से किए हैं। इस बात से आकाश और अधिक चिढ़ गया – “तुम मेरे घर वालों तक क्यों पहुंच रही हो, अभी से तुम्हारा यह हाल है कल को शादी हो जाने के बाद तो तुम सभी बातों में मुझे टोकोगी, कि मैं अपने घर वालों के हिसाब से क्यों चल रहा हूं। घरवालों के हिसाब से तो चलना ही पड़ेगा। धीरे-धीरे इस बात में आकाश की मां भी शामिल हो गई और उन्होंने तनीषा की मां को फोन करके अच्छी खासी सुना दी। तनिषा की माँ ने भी लड़के की कमियाँ गिनवा दी तो आकाश की माँ ने आनन् -फानन में कह दिया, “जी, हमारा लड़का अब आप की लड़की से शादी नहीं कर सकता।
यह बात पता लगते ही दादी को लगा कि जैसे पुराणी कहावत सच्चाई में बदल गई। अब सब को समझ आ चुका था की दादी ने ऐसे ही धूप में बाल सफेद नहीं किए हैं।
हिंदी कहानी से शिक्षा – हमें बड़ों के अनुभव से सीख लेनी चाहिए। इस बात से मुझे समझ में आया कि जब कोई कच्चा रिश्ता लंबे दिन तक चलता है, तब वहां पर लड़ाई होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। इसलिए शादी-ब्याह के मामले सोच समझकर और समय से निपटा लेने चाहिए।
Part २ जल्द ही आएगा >>>>
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