आज आजादी के 75 वर्षों बाद भी भारत में 2 विचारधारा के लोग हैं। एक वे जिनका मानना है कि भारत ने आजादी से अब तक बहुत सी उपलब्धियां अपनी झोली में समेट ली हैं। और दूसरे वे जो मानते हैं कि भारत अभी भी भ्रष्टाचार, गरीबी, भुखमरी, और पिछड़ेपन का शिकार है। दूसरी विचारधारा – स्वतंत्र भारत 75 वर्ष में भारत की नाकामयाबी पर निबंध पढ़ें। स्वतंत्र भारत @ 75 – सत्य निष्ठा से आत्मनिर्भरता निबंध के द्वारा हम यहाँ भारत की 75 वर्षों की उपलब्धियों की चर्चा करेंगे। satyanishtha se atmanirbharta par nibandh
स्वतंत्र भारत @ 75 वर्ष – सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता | Independent India @75 Self Reliance with Integrity essay in Hindi
200 सालों की गुलामी के बाद जब भारत को आजादी मिली तब अनेकों परेशानियां दानव रूप लिए खड़ी थी। हमें अशिक्षा, बेरोजगारी, अज्ञानता, महंगाई जैसे दिक्कतों पर विजय हासिल करनी थी। लेकिन इन सभी समस्याओं से उबरने का कोई आसान और छोटा रास्ता हमने नहीं चुना। हमने चुना सत्य, अहिंसा और आत्मनिर्भरता का रास्ता। इन्हीं सिद्धांतों पर चलते हुए भारत ने महात्मा गांधी की उंगली पकड़कर देश को आजादी दिलाई थी। यह रास्ता अत्यंत दुर्गम था फिर भी भारत में अपना रास्ता नहीं बदला और आगे बढ़ता चला गया।
स्वतंत्र भारत – 75 वर्षों में उपलब्धियां | Achievemnts of Independent India in 75 Years | Satyanishtha se Atmanirbharta par Nibandh | India @75 Essay in Hindi
आज हम स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर चुके हैं।भारत ने पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बना रखी है। भारत की गिनती अब विकासशील से विकसित देशों में होने लगी है। कोरोनावायरस जैसी भयंकर आपदा से निबटने के लिए भारत ने किसी दूसरे देश के आगे हाथ नहीं पसारे। अपने ही देश में वैक्सीन, मास्क और पीपीई किट बनाकर भारत ने पूरे विश्व को आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाया। इसके अतिरिक्त जरूरतमंद राष्ट्रों की मदद भी की।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत भारत ने स्टार्टअप स्टैंडअप योजना बनाई। जिसने हजारों बेरोजगारों को काम दिया और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ाया । इस तरीके से अपने ही देश में वस्तुएं पैदा करके हमने चीन जैसे बड़े देश को मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें यह दिखा दिया कि भारत सच्चाई और ईमानदारी से किस प्रकार आत्मनिर्भर बन सकता है।
आत्मनिर्भर कैसे बनें
आत्मनिर्भर भारत अभियान निबंध
भारत ने कृषि जगत में हरित क्रांति लाकर अनाज की श्रेणी में खुद को आत्मनिर्भर घोषित कर दिया। आज भारतीय किसान नई तकनीक का प्रयोग करके सर्प्लस अनाज उगाने में सक्षम हैं और बहुत से देशों को खाद्य पदार्थ का निर्यात करते हैं।
भारत ने पहिये से बैलगाड़ी और उसके बाद चंद्रयान और मंगलयान तक का सफर अपने दम पर तय किया है। भारत ने डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के माध्यम से गांव-गांव तक स्मार्ट फोन और इंटरनेट पहुंचाया है। इस प्रोग्राम की वजह से कोरोना काल में सभी को फायदा पहुंचा। डिजिटल इंडिया की बदौलत ही डेढ़ साल से बच्चे घर बैठे पढ़ाई कर रहे हैं। ऑफिस का काम और मीटिंग बिना रुके चलती रही , जिसे वर्क फ्रॉम होम का नाम दिया गया। डिजिटल इंडिया की वजह से आज सब्ज़ी बेचने वाले से लेकर घरों में काम करने वाली बाई के पास भी स्मार्ट फोन है।
स्वतंत्र भारत @ 75 – दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश
भारत ने आजादी मिलते ही अपने वयस्क नागरिकों को वोट देकर सरकार चुनने का अधिकार दिया। आजादी के तुरंत बाद अनपढ़ होते हुए भी लोगों ने बुद्धिमानी और समझदारी से अपने नेताओं को चुना। आज भारत पूरे विश्व का सबसे बड़ा और सफल लोकतान्त्रिक देश है।भारत ने अपने सभी नागरिकों को स्वतंत्रता और समानता का अधिकार दिया है, जिसके तहत औरतों को बुर्के के पीछे छुपने की मजबूरी नहीं है। भारतीय महिलायें पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर देश की प्रगति के लिए तत्पर हैं।
भारत में केवल पढ़ाई के क्षेत्र में ही नहीं। खेल कूद और स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ दिया। हमारे देश के खिलाड़ियों ने ओलिम्पिक खेलों में कांस्य और सिल्वर पदक के साथ साथ कई स्वर्ण पदक भी जीत कर सभी देशों से अपना लोहा मनवाया है। आज भारत तेल और पेट्रोल इत्यादि के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है। इस निर्भरता को खत्म करने के लिए भारत के बड़े-बड़े उद्यमियों ने अपने ही देश में सौर ऊर्जा पैदा करने के लिए बहुत कोशिशें की हैं। और अब हम जल्दी ही ई वी (इलेक्ट्रॉनिक वाहनों) के क्षेत्र में आगे बढ़ते जा रहे हैं।
भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के मध्यम से अन्य देशों को यह सबक दिया है कि भारत के शांतिप्रिय होने का यह अर्थ नहीं कि हम किसी के भी गलत बर्ताव और ज़ुल्मों को चुप चाप सहन करेंगे। भारत के पास आज राफेल, विराट, शक्तिशाली पनडुब्बियाँ, परमाणु बम, के अलावा असंख्य सैन्य शक्ति और अस्त्र शस्त्र उपलब्ध हैं जिनके रहते कोई शत्रु हम पर आक्रमण करने की सोच भी नहीं सकता। इन सभी ने भारत को और अधिक आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाया है।
कुछ देश मानते हैं कि अगर जीवन में तरक्की प्राप्त करनी है तो आपको चापलूसी, घूसखोरी, भ्रष्टाचार और झूठ का साथ लेना ही पड़ेगा। परंतु, भारत ने इस बात को गलत साबित कर दिया है। भारत ने अपने स्वतंत्रता से लेकर आज तक सत्य निष्ठा को अपनाया और अपने आप को आत्मनिर्भर बनाया है। हम आशा करते हैं कि हम सभी अपने स्वतंत्रता सेनानियों और अपने बुजुर्गों के इन संस्कारों को आगे बढ़ाकर भारत का नाम और अधिक रोशन करेंगे। और भारत में सभी को साक्षर बनाकर गरीबी और बेरोज़गारी को जड़ से मिटा देंगे।
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