इस आर्टिकल के द्वारा ‘सोलर पावर प्लांट रीवा पर हिंदी निबंध ‘ समझाया जा रहा है। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट क्या है? इस हिंदी निबंध में सभी ज़रूरी बातें आसान शब्दों में बताने की कोशिश की गयी है ताकि विद्यार्थी पूरे नंबर ला सकें। Rewa solar power plant साल 2021 में चर्चा का विषय होने के कारण परीक्षा की दृष्टि से महत्त्व रखता है। यह इंडिया का लार्जेस्ट सोलर पॉवर प्लांट है।
रीवा कहाँ है– यह जगह भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित है। यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 420 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रीवा की पहचान सफेद बाघ से रही है। रीवा का ‘वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर’, सफ़ेद शेर के लिए दुनिया भर में विख्यात है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है।
सोलर पावर प्लांट रीवा हिंदी निबंध | Rewa Solar Power Plant Hindi Essay
रीवा सोलर प्लांट किसने लगाया है?
रीवा सोलर पावर प्लांट दुनिया के सबसे बड़े संयंत्रों में से है। इस प्लांट को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड REWA ULTRA MEGA SOLAR LIMITED (RUMSL) ने लगाया है। यह मध्य प्रदेश उर्जा विकास निगम लिमिटेड (Madhya Pradesh Urja Vikas Nigam Limited) MPUVN एवं सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (Solar Energy Corporation of India) का संयुक्त उद्यम है।
रीवा सोलर प्लांट चर्चा में क्यों?
इसकी क्षमता 750 मेगावाट है. ये करीब 1500 हेक्टेयर जमीन पर फैला है. यहां 250–250 मेगावाट की तीन यूनिट हैं। यह पहला ऐसा प्लांट है जहां एक ही प्वाइंट पर 750 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। एक ही प्वाइंट का मतलब ये है कि एक ही साइट पर लगाई गईं तीन यूनिट से पावर जनरेट होकर एक सब-स्टेशन में जाती है और उस सब-स्टेशन से ग्रिड लाइन से होते हुए अन्य स्थानों तक बिजली पहुंचाई जाती है।
उदघाटन
रीवा सोलर पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 10 जुलाई, 2020 को भारत के प्रधान मंत्री नरेंदर मोदी द्वारा किया गया। प्रधानमंत्री के अनुसार रीवा सौर परियोजना ने सस्ती और ग्रीन बिजली का उपहार देश को दिया है। इस परियोजना से श्योर, सिक्योर और प्योर ऊर्जा मिलेगी, जिससे पर्यावरण को कोई क्षति नहीं पहुंचती है। 4500 करोड़ की लागत से रीवा सौर परियोजना में पूर्ण क्षमता के साथ उत्पादन शुरू हो गया है।
रीवा सोलर प्लांट की ख़ास बातें
- यह दुनिया के सबसे बड़े सिंगल साईट सौर प्लांट्स में से एक है। इस प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली बिजली का 76 प्रतिशत अंश मध्य प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कंपनी और 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो को दिया जा रहा है।
- इससे प्रति वर्ष 15 लाख टन कार्बन डाईआक्साइड गैस के के उत्सर्जन में कमी आएगी | जिससे प्रदूषण कम करने में मदद होगी।
- इससे उत्पादित विद्युत का न्यूनतम टैरिफ 2 रुपये 97 पैसे यूनिट की दर से दिल्ली मेट्रो और प्रदेश की पावर मैनेजमैंट कंपनी को दिया जा रहा है।
- इस परियोजना में डीएमआरसी (Delhi Metro Rail Corporation) सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा और पहला खरीददार पार्टनर है।
- यहां 750 मेगावाट बिजली को उत्पादन होगा, जो अमेरिका के कैलिफोर्निया में बने 550 मेगावॉट क्षमता की रेगिस्तानी प्रकाश सौर ऊर्जा संयंत्र से अधिक है।
- परियोजना के तहत 800 लोगों को रोजगार मिला है।
- इसके लिए बेकार पड़ी बंजर ज़मीन का उपयोग किया गया है।
भारत में शीर्ष सौर ऊर्जा संयंत्र (Top 5 Solar Energy Plants in India)
सौर ऊर्जा पर निबंध | Essay on Solar Energy in Hindi
- भादला सोलर पार्क – 2,250MW- यह राजस्थान के भादला गाँव में है और सबसे अधिक क्षमता वाला सोलर पार्क है
- शक्ति स्थल सौर ऊर्जा परियोजना – 2,050MW- यह कर्नाटक राज्य के पावगाड़ा में स्थापित है। भादला के बाद दूसरा नंबर इसका है।
- अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क – 1,000MW- यह आंध्र प्रदेश के कुरनूल में बनाया गया है।
- रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट – 750 MW – यह मध्य प्रदेश में स्थित है | इसके बारे में ही आप यह निबंध पढ़ रहे हैं
- कामुथी सोलर पॉवर प्लांट – ६४८ MW- यह तमिलनाडु में है।
- इसके अलावा पांच हजार मेगावाट की छह परियोजनाएं और निर्माणाधीन हैं।
- उपरोक्त तीनों परियोजनाओं में रीवा से अधिक बिजली उत्पादित होती है। लेकिन, यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि रीवा एक सोलर पॉवर प्लांट है जबकि ये तीनों ही सोलर पार्क हैं।
सोलर पार्क और सोलर प्लांट में फर्क?
किसी भी सोलर पार्क में अलग-अलग प्लांट होते हैं। अलग-अलग डवेलपर, यानी कि कंपनियाँ, कम क्षमताओं के प्लांट से ऊर्जा का उत्पादन करते हैं । यानी एक सोलर प्लांट सिर्फ एक प्लांट होता है जैसा कि रीवा में है | एक सोलर पार्क में कई सोलर प्लांट हो सकते हैं जैसा कि कर्नाटक के पावगाड़ा में है। पावगाड़ा सोलर पार्क में 11 प्रोजेक्ट डवलेपर मिलकर 2050 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पन्न कर रहे हैं और इनमें से किसी भी एक डवलेपर की क्षमता 750 मेगावाट से ज्यादा नहीं है । इसलिए रीवा सोलर प्लांट अभी तक का एशिया का सबसे बड़ा सौर उर्जा प्लांट कहलाता है।
सौर उर्जा के फायदे Advantages of Solar Energy
- यह प्रदूषण मुक्त है।
- सूर्य ऊर्जा का मुफ्त और कभी ना ख़त्म होने वाला स्रोत है।
- सौर ऊर्जा के उपयोग से अन्य ऊर्जा स्त्रोतों पर दबाव कम हुआ है।
- रखरखाव व मरम्मत कार्य पर बहुत कम खर्च होता है।
भारत और सौर उर्जा का स्तर Solar Energy in India
सोलर पावर की ताकत का हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे, जब तक हम अपने देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बैटरी, और उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी कम लागत पर विकसित नहीं करते।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अब देश का लक्ष्य है कि सोलर पैनल्स सहित तमाम उपकरणों के लिए आयात पर निर्भरता खत्म करें और सौर उर्जा को अधिक से अधिक अपनाएँ।
इसे भी पढ़ें : आत्मनिर्भर भारत अभियान निबंध
मेरा ऐसा मानना है कि भारत सरकार को सौर उर्जा के उत्पादन और उपभोग के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए । नए मकान बनाने की परमिशन तभी दी जानी चाहिए जब मकान की छत पर सोलर पैनल लगाने की व्यवस्था की गयी हो । हर घर को अपनी दैनिक ज़रूरतों के कुछ प्रतिशत की आपूर्ति अपने घर में ही लगाये गए सोलर प्लांट से पूरी की जानी चाहिए।
रीवा सोलर पॉवर प्लांट के बारे में 10 महत्वपूर्ण तथ्य:
- परियोजना में प्रत्येक 250MW की 3 सौर उत्पादक इकाइयाँ शामिल हैं।
- सौर पार्क से घिरा कुल क्षेत्रफल लगभग 1500 हेक्टेयर है।
- इस परियोजना के विकास के लिए केंद्र द्वारा 138 करोड़ की राशि आवंटित की गई थी।
- संयंत्र को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा विकसित किया गया है। यह मध्य प्रदेश उर्जा विकास निगम लिमिटेड (MPUVN) और सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
- प्लांट से उत्पादित ऊर्जा दिल्ली मेट्रो को सेवा देगी। इस प्रकार राज्य से बाहर के ग्राहक को ऊर्जा की आपूर्ति करने वाला पहला सौर ऊर्जा संयंत्र बन गया।
- न केवल उद्योग बल्कि गरीब, किसान और यहां तक कि राज्य के आदिवासी भी इस परियोजना से लाभान्वित होंगे।
- रीवा में सौर ऊर्जा परियोजना से कार्बन उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है। इससे प्रति वर्ष 15 लाख टन CO2 का राउंड हो सकता है।
- इस परियोजना को इसकी उत्कृष्टता और नवीनता के लिए ‘विश्व बैंक समूह का राष्ट्रपति पुरस्कार’ भी मिला है। परियोजना को पीएम की ” ए बुक ऑफ इनोवेशंस: नई शुरुआत “(A Book of Innovation: New Beginnings) में भी शामिल किया गया था ।
- इस परियोजना को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी स्वीकार किया गया है। इसकी संरचना और योजना की सराहना नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा की गई है।
भारत का लक्ष्य 2022 तक 175 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करना है। इस लक्ष्य में सौर ऊर्जा की अधिकतम हिस्सेदारी 100 गीगावॉट होने की उम्मीद है। इसलिए, रीवा में नया लॉन्च किया गया सौर ऊर्जा संयंत्र इस लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आशा करते हैं कि आने वाले कुछ सालों में भारत अपनी उर्जा सम्बन्धी आवश्यकता के क्षेत्र में आत्म निर्भर हो सके। क्या हम रीवा सोलर पॉवर प्लांट पर निबंध लिखने में आपकी कोई सहायता कर पाए ? कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं । धन्यवाद !
आत्मनिर्भर भारत स्वतंत्र भारत – भारत का 75 वर्ष का सफ़र निबंध
आत्मनिर्भरता पर निबंध- आत्मनिर्भर कैसे बनें
भारत की नयी शिक्षा नीति निबंध
प्रत्येक असफलता में एक अवसर छुपा है