प्रिय विद्यार्थियों, शिक्षकगण, और हमारे विद्यालय परिवार के सम्माननीय सदस्यगण,
आप सभी को मेरा सादर नमस्कार।
आज हम सभी यहाँ 26 जनवरी, यानी गणतंत्र दिवस, को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह दिन न केवल हमारे इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। इस ऐतिहासिक दिन पर, 1950 में, हमारा संविधान लागू हुआ, जिसने भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य का स्वरूप दिया। यह संविधान हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक हने के साथ-साथ हमारे अधिकारों और कर्तव्यों का मार्गदर्शक भी है।
गणतंत्र दिवस का महत्व
आप सोच रहे होंगे कि हर साल हम यह दिन क्यों मनाते हैं। इसका उत्तर बहुत सरल है। यह दिन हमें हमारे अधिकारों की याद दिलाता है, लेकिन इसके साथ ही यह हमें अपने कर्तव्यों के प्रति आगाह भी करता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत संविधान है, जिसमें हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता, और न्याय की गारंटी दी गई है।
Speech for 26 January in Hindi (3 Min)
जब हम गणतंत्र की बात करते हैं, तो इसका अर्थ केवल एक राजनीतिक व्यवस्था नहीं है। यह एक ऐसा विचार है जो हर भारतीय के दिल में होना चाहिए। यह विचार है एकता में विविधता का, जो हमारी पहचान है। चाहे भाषा हो, धर्म हो, या संस्कृति, भारत हर मायने में विविध है, और यही विविधता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
2025 का संदर्भ
अब बात करते हैं आज के दौर की, यानी वर्ष 2025 की। आधुनिक भारत ने अनेक क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की हैं। लेकिन इन उपलब्धियों के साथ ही, हमारे सामने कई चुनौतियाँ भी हैं। जैसे, डिजिटल युग में तकनीक का बढ़ता उपयोग जहां हमें प्रगति की ओर ले जा रहा है, वहीं यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम सबके लिए समान अवसर सुनिश्चित कर रहे हैं? क्या हम साइबर अपराधों से अपने आप को बचा पा रहे हैं?
इस साल हमने चंद्रयान की उपलब्धियों को देखा। ये मिशन हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और हमारे देश की प्रगति का प्रतीक हैं। लेकिन क्या यह पर्याप्त है? नहीं। हमें यह भी देखना होगा कि इन उपलब्धियों का लाभ हर नागरिक तक पहुँच रहा है या नहीं।
गणतंत्र दिवस का संदेश
गणतंत्र दिवस हमें यह संदेश देता है कि हमें न केवल अपने अधिकारों का आनंद लेना चाहिए, बल्कि अपने कर्तव्यों को भी समझना चाहिए। क्या हम अपने पर्यावरण की सुरक्षा कर रहे हैं? क्या हम हर नागरिक को उसके अधिकार देने के लिए प्रयास कर रहे हैं? ये सवाल आज के भारत के हर नागरिक से पूछे जाने चाहिए।
हमारे संविधान ने हमें “समानता का अधिकार” दिया है। लेकिन क्या हमने समाज में समानता ला पाए है? आज भी कई जगहों पर भेदभाव, गरीबी और अशिक्षा जैसी समस्याएं मौजूद हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन समस्याओं का समाधान निकालें।
नए भारत की दिशा
आधुनिक भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य, और तकनीक जैसे क्षेत्रों में कई परिवर्तन हुए हैं। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाएँ युवाओं को सशक्त बना रही हैं। लेकिन केवल योजनाओं से ही बदलाव नहीं होगा। हमें अपनी सोच बदलनी होगी।
एक सशक्त गणराज्य तभी बन सकता है जब हर नागरिक अपने हिस्से का योगदान दे। अगर हम अपने अधिकारों की मांग करते हैं, तो हमें यह याद रखना चाहिए कि हमें अपने कर्तव्यों को भी पूरा करना है।
विद्यार्थियों के लिए संदेश
मेरे प्रिय विद्यार्थियों, आप देश का भविष्य हैं। आप ही वो शक्ति हैं जो भारत को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है। लेकिन यह तभी संभव है जब आप अपने कर्तव्यों को समझेंगे और एक जिम्मेदार नागरिक बनेंगे।
आज से आप यह प्रण लें:
- मैं स्वच्छता का पालन करूंगा।
- मैं अपने आसपास के लोगों की मदद करूंगा।
- मैं यातायात नियमों का पालन करूंगा।
- मैं अपने पर्यावरण की रक्षा करूंगा।
अधिकारों और कर्तव्यों का संतुलन
गणतंत्र दिवस हमें यह सिखाता है कि अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। अगर हमें अपने अधिकारों का आनंद लेना है, तो हमें अपने कर्तव्यों को निभाना भी होगा। जैसे, हमें शिक्षा का अधिकार है, लेकिन हमारा कर्तव्य है कि हम इसे दूसरों तक पहुँचाने में मदद करें।
नवप्रेरणा का संकल्प
आइए, आज इस गणतंत्र दिवस पर हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपने देश के विकास के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे। हम अपने अधिकारों का सम्मान करेंगे और अपने कर्तव्यों को निभाने में कभी पीछे नहीं हटेंगे।
समाप्ति
मेरे साथ जोर से बोलिए:
वन्दे मातरम्!
जय हिंद!
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