भारत एक विशाल देश है इसलिए यहां पर भाषाओं की भी भरमार है | इतनी अधिक भाषाएं होने के कारण देश अभी तक किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा नहीं चुन पाया है क्योंकि किसी भी एक भाषा को सर्वसम्मति से नहीं चुना जा सका | भाषाओं की यह विविधता शिक्षा के मार्ग में भी रोड़ा अटकाती है |
New Education Policy 2020 Essay|नयी शिक्षा नीति पर निबंध
शिक्षा के लिए कौन सा माध्यम चुना जाना चाहिए यह हमेशा से ही एक बहस का मुद्दा रहा है| भारत में आजादी के बाद से ही अभी तक यह निश्चित नहीं हो पाया कि शिक्षा कौन सी भाषा में दी जानी चाहिए, जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके|
नयी शिक्षा नीति में 3 लैंग्वेज का प्रावधान
न्यू एजुकेशन पॉलिसी में 3 भाषा का प्रस्ताव रखा गया है |राज्य सरकारें अपने स्कूल में शिक्षा के माध्यम के लिए इन तीन भाषाओं में से कोई भी चुन सकते हैं| लेकिन, यहां पर यह ध्यान रखना जरूरी है कि इनमें से 2 भाषाएं भारतीय होनी चाहिए और एक भाषा दूसरे देश की हो सकती है आप दो विदेशी भाषाएं नहीं चुन सकते|
आजादी के तुरंत बाद भारत में अलग-अलग भाषा में शिक्षा देने का कार्य चल रहा था| जो अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए स्कूल थे उनमें अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाया जाता था | जबकि भारत के गुरुकुल में संस्कृत और हिंदी भाषा को महत्व दिया जाता था |सन 1966 में तमिलनाडु में इस बात को लेकर आंदोलन भी किए गए कि केवल हिंदी को पूरे देश के लिए शिक्षा का माध्यम नहीं बनाया जा सकता |क्योंकि, भारत के दक्षिणी राज्यों में हिंदी नहीं बोली जाती| इन्हीं सब परेशानियों को मद्देनज़र रखते हुए 2020 की शिक्षा नीति में भारत की शिक्षा को लोकल भाषा में देने का प्रस्ताव रखा गया है |
भारतीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) में कहा गया है कि जहां भी संभव हो (Wherever possible) वहां कक्षा 5 तक की पढ़ाई मातृभाषा में ही की जानी चाहिए| क्योंकि केंद्र सरकार अपना फैसला राज्य सरकारों पर थोप नहीं सकती तो यह राज्य सरकार की इच्छा है कि वह अपने राज्य में किस भाषा में पढ़ाई करवाते हैं|
लोकल भाषा ही शिक्षा का माध्यम होना चाहिए इसके तर्क में यह कहा गया है कि छोटी उम्र में बच्चों को यदि उनकी मातृभाषा में जो भी सिखाया जाए वह उसे अच्छे से समझ लेते हैं| छोटी आयु में ही स्टूडेंट्स को जितनी नयी भाषाएँ बताई जायेंगी वे उसे भली भाँती ग्रहण कर पायेंगे | अधिक भाषाओं का ज्ञान उन्हें अच्छी नौकरी पाने में भी मदद करेगा |नई शिक्षा नीति के अनुसार आठवीं कक्षा तक नहीं तो पांचवी तक तो जरूर लोकल लैंग्वेज में ही पढ़ाया जाना चाहिए ताकि बच्चे उसको अच्छे से ग्रास्प (grasp) कर पायें |
न्यू एजुकेशन पालिसी में क्या परेशानी है?
पहली बात, इस तरीके से पूरे देश में शिक्षा का रूप और स्तर समान नहीं रहेगा शिक्षा में और समानता आ जाएगी| मान लीजिए कोई बच्चा कर्नाटक में रहता है और उसने कन्नड़ भाषा में पढ़ाई की| यदि बाद में वह बंगाल में जाकर रहने लगे या नौकरी करने लगे तो उसे बंगला भाषा सीखनी पड़ेगी|
दूसरी बात, मल्टीनेशनल कंपनी और बड़ी भारतीय कंपनियां भी अपने ज्यादातर काम अंग्रेजी बोलने वाले और लिखने वालों से ही करवाना पसंद करती हैं | इसके अलावा कंप्यूटर का सारा काम अंग्रेजी में ही होता है| तो इस तरीके से जो बच्चे सरकारी स्कूल में मातृभाषा के माध्यम से पढ़ाई करके निकलेंगे उन बच्चों को नौकरी ढूंढने के टाइम बहुत बड़ी परेशानी से गुजरना पड़ेगा और प्राइवेट स्कूल के बच्चों को ही नौकरी के लिए चुना जाएगा|
सरकार ने मातृभाषा में पढ़ाने का सुझाव दिया है लेकिन इसे मैंडेटरी नहीं किया है |यह आशंका लगे जा रही है कि बड़े-बड़े स्कूल और इंस्टिट्यूट अपने तरीके से ही काम करेंगे वह अभी तक अंग्रेजी माध्यम से पढ़ा रहे थे और आगे भी अंग्रेजी माध्यम से ही पढ़ाएंगे |
निष्कर्ष: नयी शिक्षा नीति पर निबन्ध
निष्कर्ष के तौर पर हम यह कह सकते हैं कि सरकार नई शिक्षा प्रणाली तो ले आई है किंतु अभी भी एक कॉमन लैंग्वेज को चुना नहीं जा सका है जिसे शिक्षा का माध्यम बनाया जा सके| क्योंकि, मातृभाषा में अगर पढ़ाई की जाए तो बच्चे अंग्रेजी में पिछड़ जाएंगे और अगर अंग्रेजी में पढ़ाई कराई जाती है तो कई देशवासी यह कहते हैं कि हम विदेशी भाषा में पढ़ाई क्यों करें |सरकार अभी भी इसका हल तलाश रही है |अगर आप इस विषय में अपनी कोई राय देना चाहते हैं तो mygov.in पर जाकर आप सरकार तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं|
आशा करते हैं nayi shiksha niti par hindi information आपको अच्छी लगी होगी
भारत की नयी शिक्षा नीति|New Education Policy India 2020– शिक्षा नीति में किये गए सभी छोटे बड़े बदलावों के बारे में विस्तार से पढ़ें| तभी आप अपने स्कूल या upsc निबंध में अधिकतम अंक ला पायेंगे|
मानव के लालच और स्वार्थ का प्रकृति पर प्रभाव निबंध
किसान बिल (Agriculture Bill) के फायदे और नुकसान- निबंध
नयी शिक्षा नीति 2020|NEP Essay in Hindi
प्रत्येक असफलता में एक अवसर छिपा होता है’ निबंध
लॉकडाउन के फायदे और नुकसान|लॉकडाउन पर निबंध