मातृ दिवस पर हिंदी निबंध, Essay on Mother’s Day in Hindi, माँ पर निबंध, भारत में हर साल की ही तरह मई महीने के दूसरे रविवार को मदर डे यानि कि मातृ दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष मातृ दिवस 9 मई २०२१ को मनाया जाएगा। नीचे दिए गए आर्टिकल में आपको बताया जा रहा है Mother’s Day क्यों मनाया जाता है। अगर आप भी इस दिन अपनी माँ को खुश करना चाहते हैं तो आगे बताये गए तरीकों में से चुन सकते हैं। आपने Mother’s Day कैसे मनाया, कमेंट करके बताएं ताकि हमारे पाठक भी जान सकें कि Mother’s Day कैसे मनाएं।
मातृ दिवस हिंदी निबंध | Mother’s Day Essay | माँ पर निबंध
विश्व में मातृ दिवस मनाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। सभी देश अपने अलग अंदाज़ में इस दिन को मानते हैं। चाहे तरीका कोई भी हो किन्तु माँ के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने का यह एक सुनहरा मौका है। भारत सहित बहुत से देशों में मई महीने के दूसरे रविवार को मातृ दिवस के रूप में मनाने का रिवाज़ है। मातृ दिवस के शुभ दिन माँ के चरणों में सारी दुनिया की खुशियाँ न्यौछावर हैं।
मातृ दिवस क्यों मनाया जाता है ?
जब संसार के सभी लोग किसी ख़ास व्यक्ति के प्रति आभार दिखाना चाहते हैं, तब कोई एक दिन उस व्यक्ति विशेष के नाम कर दिया जाता है। यह आभार उनकी अच्छाई, प्यार, प्रयत्न या सेवा कार्यों के लिए हो सकता है। उस दिन उन्हें खुश रखने का प्रयत्न किया जाता है। मातृ दिवस माँ, मम्मी, माता या जननी को समर्पित है | वैसे तो हम जिंदगी के हर पल और साल के 12 महीने अपनी माँ को भूलते नहीं हैं। यद्यपि, माँ को वर्ष भर भी धन्यवाद् करें तो भी कम है । परन्तु माँ को खुश करने के लिए एक पूरा दिन समर्पित किया गया है । जिसे मातृ दिवस का नाम दिया गया है।
माँ की महिमा
‘मां’ एक ऐसा शब्द है जो बच्चे के मुंह से सबसे पहले निकलता है। यह शब्द किसी भी बच्चे को सिखाना नहीं पड़ता। सभी बच्चों के दिल में अपनी मां के लिए एक विशेष जगह होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि माँ से रिश्ता दुनिया के बाकी सभी रिश्तो से 9 महीने पुराना होता है। एक मां जब अपने बच्चे को अपनी कोख में रखती है, हर तरह के दर्द सहती है, तो बच्चे से उसका एक अलग ही रिश्ता स्थापित हो जाता है।
मातृ दिवस- कैसे मनाएं?
केवल बच्चे ही नहीं बड़े भी ,चाहे वो आदमी हो या औरत। सभी को अपनी मां से एक खास तरह का जुड़ाव होता है। इस दिन को मनाने के लिए कुछ लोग अपनी मां को उपहार, फूल या ग्रीटिंग कार्ड देते है ।कुछ लोग एक साथ मिलकर घर पर इस दिन को मनाते हैं या फिर कहीं बाहर जाकर इस का आनंद उठाते हैं।
माँ जीवन भर हमें खाना बना कर खिलाती है । इस 1 दिन को माँ को समर्पित करने के लिए हम माँ की पसंद के व्यंजन बनाकर उन्हें खिला सकते हैं। वैसे तो माँ के कामों की कोई गिनती नहीं है और माता जितना विशाल हृदय बच्चों के पास नहीं हो सकता। कम से कम साल का 1 दिन निकालकर माँ के लिए मना सकते हैं।
आजकल विद्यालयों में बच्चे माँ के प्रति अपनी प्यार दिखाने के लिए संगीत, नृत्य एवं नाटक आदि प्रस्तुत करते हैं। लोग सोशल मीडिया पर अपने जीवन में माँ का स्थान रखने वाली प्रतिमूर्तियों के लिए भावनात्मक कवितायें साझा करते हैं। फ़िल्मी गाना गाकर भी माँ से अपने मन की बात कही जा सकती है।
माता- भगवान् का अन्य रूप
मम्मी, उस शख्सियत का नाम है जिसे भगवान ने ढेर सारी खूबियों से सजाया है। वह स्वयं भूखी रहकर भी परिवार के सभी लोगों का पेट भरती है। भगवान सब जगह उपस्थित नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां को बनाया ताकि हम सब लोग माँ में भगवान के दर्शन कर सकें क्योंकि, धरती पर केवल एक माँ ही ऐसी है जो बिना किसी स्वार्थ भाव के अपने बच्चों का भरण पोषण करती है।
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