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होली क्यों मनाई जाती है | होली पर निबंध | होली पर अनुच्छेद लेखन
मुझे होली का त्योहार क्यों अच्छा लगता है | बच्चों के लिए होली पर 10 पंक्तियाँ
- होली एक रंग बिरंगा त्योहार है।
- होली पर हमें नई पिचकारी और गुब्बारे मिलते हैं।
- इस दिन पानी और गुलाल फेंकने से कोई गुस्सा नहीं करता।
- बड़े और छोटे सभी मिलकर होली मनाते हैं।
- होली से पहले दिन होलिका दहन में गेहूँ की बालियाँ जलाना मुझे बहुत प्रिय है।
- इस त्योहार पर मेरी पसंदीदा मिठाई गुँजिया खाने को मिलती है।
- मेरे दादाजी होली पर बेहद स्वादिष्ट और गुणकारी ठंडाई बनाकर सभी को पिलाते हैं।
- होली के दिन सुंदर ग्रीटिंग कार्ड बनाकर हम अपने मित्रों और रिश्तेदारों को देते हैं।
- किसी भी त्योहार का असली आनंद उसे सावधानी पूर्वक मनाने में ही आता है।
- यह त्योहार पुराने मन मुटाव भुलाकर फिर से एक होने का संदेश देता है।
होली पर निबंध 10 lines on Holi Festival in Hindi
- होली हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है।
- इसे रंगों का त्योहार भी कहते हैं।
- होली हर साल मार्च के महीने में आती है।
- यह बच्चों का पसंदीदा पर्व है।
- इस दिन एक दूसरे पर पानी, रंग, और गुलाल फेंकते हैं।
- होली से पहले दिन छोटी होली जलाई जाती है, जिसे होलिका दहन कहते हैं।
- इसे मनाने के पीछे हिरण्यकश्यप, प्रहलाद और होलिका की कहानी जुड़ी है।
- होली के त्योहार पर गुंजिया नाम की विशेष मिठाई बनाई जाती है।
- यह त्योहार भी अन्य त्योहारों की तरह बुराई पर अच्छाई की जीत को दिखाता है।
- होली हमे मिल जुलकर रहने का सन्देश देती है।
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होली क्या है ? What is Holi in Hindi?
होली रंगों का त्योहार है इसे पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह 2 दिन चलने वाला त्योहार है। पहले दिन छोटी होली या होली दहन किया जाता है। अगले दिन फाग या बड़ी होली होती है। होली मार्च के महीने में आती है। होली शरद ऋतु के समाप्त होने और वसंत ऋतु के आगमन को दर्शाती है। जैसे बसंत ऋतु रंग फैला कर धरती को रंगों से भर देती है उसी प्रकार लोग भी यह कोशिश करते हैं कि रंग बिखराकर अपनी जिंदगी को रंगमय बना दें।
होली कब मनाई जाती है?
होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को खूब हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। होली दहन के दिन लकड़ी की डंडिया इकट्ठी कर खुली जगह, पार्क या मंदिर में जलाया जाता है। इस पर्व को इस दिन मनाने के पीछे कई कहानियाँ प्रचलित हैं । आइये जानते हैं होली क्यों मनाया जाता है।
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होली क्यों मनाई जाती है लेख | होली की कहानी
भारत देश में हर त्योहार के साथ कोई कथा जुड़ी होती है। होली के त्योहार को मनाने के पीछे भी बहुत सी कथाएं जुड़ी हुई हैं। राजा हिरण्यकश्यप ने भगवान ब्रह्मा की तपस्या करके उन्हें प्रसन्न कर लिया और उनसे वरदान प्राप्त कर लिया कि कोई भी इंसान, पशु या हथियार उसे ना मार पाए। यह वरदान मिलने के बाद वह स्वयं को भगवान मानने लगा और अपनी प्रजा से कहने लगा कि विष्णु को छोड़कर उसकी पूजा की जाए। परंतु हर अत्याचारी का अंत निश्चित है।
हिरण्यकश्यप के अपने ही घर में पैदा हुआ बेटा प्रहलाद विष्णु का परम भक्त था। हिरण्यकश्यप के लाख समझाने के बावजूद भी प्रह्लाद ने विष्णु की पूजा करना नहीं छोड़ा। उससे परेशान होकर हिरण्यकश्यप ने एक षड्यंत्र रचा। हिरण्यकश्यप की एक बहन थी होलिका। जिसे अग्नि में ना जलने का वरदान प्राप्त था। हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को होलिका की गोद में बिठाकर अग्नि में बिठा दिया। परंतु विष्णु भक्त प्रहलाद बच गया और होलिका भस्म हो गई। यह हमें बुराई पर अच्छाई की जीत को दिखाता है। उसके बाद से ही लकड़ियाँ जलाकर होलिका दहन किया जाता है.
होली पर रंग खेलने की शुरुआत कैसे हुई
ऐसा माना जाता है कि इसकी शुरुआत राधा और कृष्ण के खेल से हुई। कृष्ण और ब्रज या (ब्रिज) गांव के कुछ लड़के बरसाना गांव की लड़कियों के साथ खेलने जाया करते थे। वे उन लड़कियों को किसी ना किसी तरीके से परेशान करते थे। कभी नहाते हुए उनके कपड़े चुरा लिया करते, कभी उन पर पत्थर फेंक कर उनकी मटकियाँ फोड़ देते थे। कभी-कभी तो उनके मुंह पर कीचड़ या गोबर भी लगा दिया करते थे। यही प्रथा आज भी चली आ रही है।
इन रीति-रिवाजों को तो हम आज भी निभा रहे हैं किंतु, इनका रूप परिवर्तित कर हमने इनके महत्व को भुला दिया है। होली ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत में आती है। शायद पानी और रंगों से खेलने का रिवाज इसलिए ही शुरू किया गया होगा ताकि सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में जमा हुआ आलस्य और गंदगी को हम धोकर बाहर कर सकें।
पहले के समय में होली खेलने के रंग फूलों और औषधीय जड़ी बूटियों से बनाए जाते थे, जिसे लगाने पर उन रंगों की खुशबू और स्पर्श मात्र से पूरा वातावरण महक उठता था और हमारे शरीर की सारी नस नाङियां खुल जाती थी और स्फूर्ति से भर जाती थी।
होली पर कौन सी मिठाईयां बनती हैं –
गुंजिया या गुजिया
भारत के हर त्योहार पर किसी मिष्ठान की कुछ खास जगह होती है। चाशनी से भरी गुंजिया के बिना होली अधूरी है। गुंजिया एक अर्ध चंद्राकार चाशनी में डूबी हुई बादाम, पिस्ता, काजू, नारियल और खोये से भरी हुई भूरे रंग की मिठाई होती है। ऊपर से सख्त होती है पर मुंह में डालते ही घुल जाती है। भारत में गुंजिया को अनेक नामों से जाना जाता है। बिहार में पुरूकिया, गुजरात में घुघरा, महाराष्ट्र में करंजी और तमिलनाडु में कज्जी काया।
ठंडाई
होली की बात चल रही है तो ठंडाई को कैसे भुलाया जा सकता है। यह एक पौष्टिक ठंडक देने वाला पेय है। इसे ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत में बना कर रख लिया जाता है और पूरी गर्मी इसका सेवन किया जाता है। ठंडाई का एक और रूप भारत में बहुत प्रसिद्ध है, जिसे भांग कहते हैं। इसको पीने के बाद लोग मदहोष हो जाते हैं और कुछ घंटों तक दुनियादारी को भुलाकर झूमते गाते रहते हैं। अपनी सारी चिंताओं को भूलकर वे होली का आनंद उठाते हैं।
ठंडाई के फायदे :
- ठंडक प्रदान करने वाला शरबत
- कब्ज निवारक
- पाचक
- खुशी वर्धक
- शक्ति वर्धक
- एसिडिटी नाशक
सुबह से दोपहर तक लोग जमकर होली खेलते हैं उसके बाद नहाकर साफ कपड़े पहनते हैं, संगीत सुनते हैं और एक दूसरे को मिठाई बांटते हैं।
होली के नुकसान
बच्चे और बड़े एक दूसरे को जबरदस्ती रंग लगाते हैं यदि यह रंग आंख ,नाक या कान में चला जाए तो इसके भयावह परिणाम हो सकते हैं।
कृत्रिम रंगों का त्वचा पर प्रभाव:
आज हम केमिकल रंगों का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिनकेे लगाने के बाद हमारी त्वचा पर तरह-तरह के चर्म रोग और घाव इत्यादि हो जाते हैं। जिन बच्चों के मुंह पर पहले से मुंहासे हैं या जिनकी त्वचा नाजुक है उनकी तो परेशानी होली का रंग लगने से कई गुना हो जाती है।
जानलेवा पानी के गुब्बारे
परेशानियों को और अधिक बढ़ाने के लिए बच्चे रंगीन पानी से भरे गुब्बारे एक दूसरे पर फेंकते हैं बहुत ऊंचाई से फेंका हुआ पानी का गुब्बारा एक गोली की तरह शरीर पर लगता है। छोटे बच्चे इन बातों से अनजान हैं कि किसी चलते हुए दो पहिया वाहन पर गुब्बारे फेंकने से चलाने वाले का संतुलन बिगड़ सकता है और उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
होली के दिन बहुत से लोग हताहत होते हैं और कई बार होली जीवन भर के लिए कोई जख्म छोड़ जाती है पर क्या इन सब चीजों से डर कर हम होली मनाना बंद कर दे बिल्कुल नहीं हम अपने बच्चों को सुरक्षित तरीके से होली खेलना सिखा सकते हैं स्कूल इस उद्देश्य में मदद कर सकते हैं टेलीविजन और यूट्यूब पर जागरूकता अभियान चलाए जा सकते हैं।
होली के नकारात्मक पहलू
कुछ चरित्रहीन व्यक्ति शराब पीकर और जुआ खेलकर और महिलाओं से छेड़छाड़ कर इस दिन का मजा खराब करने की कोशिश करते हैं। शोर-शराबे वाले वातावरण का फायदा फायदा उठाकर हद पार कर जाते हैं और महिलाओं को गलत तरीके से स्पर्श करने की कोशिश करते हैं। होली का त्योहार महिलाओं से छेड़छाड़ करने के लिए भी कुप्रसिद्ध है।
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होली का रंग कैसे छुड़ाएं :
होली खेलना तो आसान है किंतु इसका रंग उतारना एक बहुत ही मुश्किल काम है। तरह-तरह के रंगों से निजात पाने के लिए कई बाल्टी पानी ,तरह-तरह के साबुन और फेस वाॅश की जरूरत पड़ती है। कई घंटों रगड़ने के बाद भी आप का रंग पूरी तरह नहीं निकलता। नाखूनों को अपने असली रूप में आने में 10 से 15 दिन का समय लग जाता है। भारतीय महिलाओं के पास बहुत से घरेलू नुस्खे होते हैं जिनसे वे घर के बड़ों और बच्चों की मदद करती हैं। कच्चा दूध बेसन और नारियल तेल इत्यादि लगाकर रंगो को आसानी से छुड़ाया जा सकता है।
होली खेलने से पहले सावधानियां:
• खुले पार्क या गली में होली खेलें। छत और छज्जे में होली खेलना खतरनाक हो सकता है। अत्यधिक उत्साहित होकर बच्चे गिर सकते हैं।
• ऐसे कपड़े पहने जिनसे हाथ और पैर पूरी तरह ढके जा सके। मोटा नीला डेनिम सबसे अच्छा विकल्प है
• कैमरा और फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को पानी और रंगों से बचाकर दूर रखें।
• छोटे बच्चों पर लगातार नजर बनाए रखें क्योंकि बच्चे भीड़ के साथ रास्ता भटक सकते हैं।
• अपने नजर के चश्मे को सावधानी से रखें।
• लंबे बाल वाले लोग विशेषकर औरतें अपने बालों को कसकर बांध ले ताकि खिंचने का डर ना रहे।
• अपने पूरे शरीर, मुंह और बालों पर कोई भी तैलीय पदार्थ या क्रीम का इस्तेमाल करें। इससे आपकी त्वचा ज्यादा रंग नहीं पकड़ेगी।
होली के त्योहार का ऐतिहासिक, जैविक, सामाजिक और वैज्ञानिक महत्व है। इसलिए हमें इस वर्षों से चले आ रहे त्योहार को सावधानी के साथ मनाना चाहिए ताकि हम खुशी के रंग बिखरा सकें।
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आशा करते हैं कि आपको Essay on Holi in Hindi पसंद आया होगा। आपको अपने प्रश्न होली क्यों मनाई जाती है का उचित जवाब मिल गया होगा। आप जो भी त्योहार मनाएं उस पर बच्चों से 10 पंक्तियाँ पूछें। इससे बच्चों के सोचने की क्षमता का विकास होता है।
होली हिन्दी निबंध से जुड़े शब्द-अर्थ
शब्द | अर्थ |
हर्षोल्लास | खुशी के साथ |
दहन | जलाना |
ऐतिहासिक | पुराने समय से चला आ रहा |
मदहोश | नशे में होना |
तैलीय | तेल या चिकनाई सहित |