कोरोना के कर्मवीर हिंदी निबंध |कोरोना योद्धा निबंध

डॉक्टर और पुलिस, जिन्हें कोरोना के कर्मवीर के नाम से पुकारा जा रहा है, आइये जानते हैं इन कोरोना योद्धाओं के संघर्ष के बारे में । कैसे विश्व में कोरोना के कर्मवीरों का सम्मान किया गया। Long and short essay on Corona Warriors for students and children.

कोरोना योद्धा हिन्दी निबंध | Hindi Essay on Corona Warriors

कोरोनावायरस महामारी

कोरोनावायरस से फैलने वाली बीमारी कोविड-19 के बारे में आज सारा विश्व जानता है । यह संक्रामक बीमारी इतनी तेजी से फैली कि 1 महीने के अंदर इसने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया । इस वजह से डब्ल्यूएचओ (WHO) ने इसे महामारी का नाम दिया ।

नए तरह के विषाणु से फैलने वाली बीमारी के बारे में कोई नहीं जानता था । इसलिए जल्दी से इसका इलाज नहीं मिल पा रहा था। बहुत से लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान गवां चुके थे,और बहुत से लोग मौत के मुँह में झूल रहे थे ।अस्पतालों में पैर रखने की जगह ना थी । अचानक इतना बड़ा संकट आने पर सभी देशों ने लॉकडाउन यानी तालाबंदी की घोषणा कर दी।

पुलिस– कोरोना योद्धा के रूप में

लॉकडाउन कर्फ्यू जैसी स्थिति होती है जिसमें आप अपने घर से बाहर नहीं निकल सकते। आप जहाँ हैं और जिस हालात में है आपको वही रहना पड़ता है। आप स्वच्छंद रूप से विचरण नहीं कर सकते। ऐसे में पुलिस कर्मियों की भूमिका सामने आई। सरकार ने पुलिस को यह जिम्मेदारी सौंपी कि लोग कहीं पर भीड़ भाड़ ना करें।

इसके लिए पुलिस को बहुत सख्त रुख अपनाना पड़ा । कई बार तो लोगों की पिटाई भी करनी पड़ी। जिसका लोगों ने विरोध किया और पुलिस कर्मचारियों को भला बुरा भी कहा। सोशल मीडिया पर भी उनकी निंदा की गयी। आपने कभी सोचा, क्या उन पुलिसवालों की आपसे कोई निजी दुश्मनी है, जो वह ऐसा कर रहे हैं ? यह सब जनता की भलाई के लिए ही किया जा रहा था ताकि बीमारी और अधिक ना फैले।

कोरोना कर्मवीरों का संघर्ष

कोरोना वायरस से जनता को बचाने के लिए पुलिस, नगर निगम के कर्मचारी, पत्रकार और डॉक्टर लोगों की सेवा में जुट गए। यह कर्मचारी लोगों की सेवा में रहकर अपना घर बार भूल गए हैं यह अपने बच्चों के बुलाने पर भी घर नहीं जाते इसमें एक स्वार्थ भी इसका भी छुपा है कि कहीं यह अपने घर वालों तक यह बीमारी ना पहुंचा दे, कहीं इनके घर वाले संक्रमित ना हो जाएँ।

डॉक्टर -फ्रंट लाइन वॉरियर्स Front Line warriors

डॉक्टर और सभी स्वास्थ्य कर्मचारी सफाई कर्मचारी बिना किसी स्वार्थ को देखे बिना अपनी जान की परवाह किए लोगों की सेवा में जुटे हैं हमें ऐसे कर्म वीरों को सलाम करना चाहिए उनका सम्मान करना चाहिए।

अस्पतालों में भी जिस तरह से भीड़ लगी हुई थी, डॉक्टरों के पास खाने-पीने तक की फुर्सत ना थी।वे बिना आराम किए मरीजों की देखभाल में लगे थे । सभी डॉक्टर और नर्स इत्यादि २४ घंटे मरीजों की सेवा में जुटे थे।

स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भी इस नाजुक समय पर बहुत निडरता से अपना काम किया ऐसी बीमारी जिसमें परिवार के लोग अपने सदस्य से दूर भाग रहे हैं उस समय पर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने आगे आकर उनकी देखभाल की, उनकी साफ- सफाई की. यह बहुत ही प्रशंसा का विषय है।

कोरोना कर्मवीर सम्मान, Honouring Corona Karamveer

भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉक डाउन (चरण 1) के दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों और डॉक्टरों का अभिनंदन एक नए अंदाज़ में करवाया था | पूरे देश में एक साथ थाली बजाकर और मोमबत्तियाँ जलाकर इन कोरोना के कर्मवीरों का अभिनन्दन किया। जिससे कि इन सभी कर्मचारियों का मनोबल बढ़ सके। उनका उत्साह वर्धन हो सके।

इस संक्रामक बीमारी कोविड19 से लड़ने के लिए ये सभी कर्मचारी हमारी ढाल हैं। जैसे युद्ध के दौरान देश के सैनिक अपने देश की रक्षा करते हैं उसी प्रकार कोरोनावायरस रूपी युद्ध से बचाने के लिए ये कोरोना कर्मवीर लोगों की सेवा में लगे हैं। इसलिए इन्हें कोरोना योद्धाओं का नाम दिया गया।

इन्हें कोरोना कर्मवीर या फ्रंटलाइन वॉरियर्स (frontline warriors) का दर्जा दिया गया। इन्हें सम्मान देने के लिए सेना ने हेलीकॉप्टर से डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर फूल बरसाए। भारत देश की सेना ने अपने तीनों अंगों के साथ कोविड-19 के सिपाहियों का उत्साह बढ़ाने का काम किया। लोगों के बचाव के लिए बहुत से डॉक्टर, पुलिस अधिकारियों ने अपनी जान खो दी।

पूरे देश में सवा करोड़ के करीब कोविड वारियर्स काम कर रहे हैं जिनमें डॉक्टर्स और एमबीबीएस स्टूडेंट भी शामिल हैं मेडिकल प्रोफेशनल्स के अलावा पूर्व कर्मचारी, पंचायत सेवक, आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी सदस्यों को भी कोरोना योद्धाओं की लिस्ट में रखा गया है। एनसीसी से लेकर ग्राम रोजगार सेवक और पंचायत सेक्रेटरी का भी कोरोना से जंग में शामिल किया गया है। वहीं, रेलवे अस्पताल और डिफेंस हॉस्पिटल्स को भी कोरोना वॉरियर माना गया है।

डॉक्टरों को धन्यवाद (Thanksgiving to doctors)

  • सेना प्रमुखों ने शहीद जवानों को सलामी दी।
  • पुलिस मेमोरियल और अस्पतालों पर भी फूलों की वर्षा की गई।
  • देशभर में अस्पतालों के बाहर बैंड द्वारा भी स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मान दिया गया।
  • मुंबई के मरीन ड्राइव पर भी भारतीय सेना के जहाजों ने उड़ान भरी और कोरोनावायरस के मरीजों की सेवा में लगी डॉक्टरों को पुष्प वर्षा कर सम्मान प्रदान किया।
  • इसके लिए उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक सभी कोरोना कर्मवीरों को सम्मान दिया जाएगा।
  • दिल्ली के कुल 12 अस्पतालों पर पुष्प वर्षा की गई।

आत्मनिर्भर भारत अभियान में भी सरकार ने कोरोना योद्धाओं के लिए 50 लाख रूपए के इंश्योरेंस कवर (insurance cover) की घोषणा की है। इस योजना के तहत यदि किसी स्वास्थ्य कर्मी की इस कोरोनावायरस से लड़ाई के दौरान जान चली जाती है तो उस स्वास्थ्य कर्मी के परिवार को 50 लाख रूपए दिए जाएंगे।

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पढ़ने के लिए धन्यवाद ! आशा करते हैं की कोरोना कर्मवीरों के बहुमूल्य योगदान के बारे में जानकार आपके मन में भी इन कोरोना योद्धाओं के लिए आदर भाव और बढ़ गया होगा। जय हिन्द !

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