आत्मनिर्भर भारत अभियान पर निबंध कैसे लिखें – Aatm nirbhar Bharat essay in Hindi यह निबंध एसएससी और upsc की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है। हालाँकि, कक्षा 9 से 12 के स्टूडेंट्स भी आवश्यकतानुसार ‘आत्म निर्भर भारत अभियान निबंध’ को थोडा छोटा करके उपयोग कर सकते हैं।
आत्मनिर्भर भारत अभियान क्या है ? What is Aatm nirbhar Bharat Abhiyan essay in Hindi
इस अभियान की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट (2019-20) के दौर में भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए की थी। 12 मई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस अभियान के द्वारा भारत में लोगों को कामकाज करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और यह कोशिश की जाएगी कि अगले कुछ सालों में भारत अपनी जरूरत की अधिकतर वस्तुएं अपने देश में ही तैयार करे अर्थात आत्मनिर्भर बन जाये। इसलिए अभियान का नाम आत्मनिर्भर भारत अभियान रखा गया है।
इस अभियान का अर्थ और उद्देश्य विदेशों से भारत में आने वाली वस्तुओं पर अपनी निर्भरता को कम करना है अर्थात हमें ज्यादा से ज्यादा भारत में बनी हुई वस्तुओं का उपयोग करना है। उनकी गुणवत्ता में इतना सुधार करना है कि स्वयं भी उनका उपयोग करें और दूसरे देशों में भी बेच सकें।
आज भारतीयों की रोज़मर्रा के सामान की 60% आपूर्ति चीन करता है। अन्य देशों, जैसे की अमेरिका, कोरिया, सऊदी अरब इत्यादि से भी भारत बहुत सा सामान आयात करता है। देश का विकास करने के लिए पहले देश को आत्मनिर्भरता हासिल करनी होगी और वह तभी संभव है जब हमारे निर्यात,आयात से अधिक होंगे। हम अपनी ज़रूरतों का ज़्यादातर सामान अपने देश में ही निर्मित करेंगे तभी हम आत्मनिर्भर कहलायेंगे और प्रगति के पथ पर अग्रसर होंगे।
भारत में आत्मनिर्भरता की शुरुआत
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भारत का इस ‘आत्मनिर्भरता’ शब्द से बहुत पुराना नाता है। यह शब्द पहली बार सन 1905 में इस्तेमाल किया गया था। जिसमें नेताओं ने अपनी जनता से अपील की थी कि वह अपने देश में बनी वस्तुओं का इस्तेमाल करें। इस आंदोलन के द्वारा भारतियों से विदेशी माल का बहिष्कार और स्वदेशी माल को अंगीकार कर राष्ट्रीय शिक्षा एवं सत्याग्रह के महत्व पर बल दिया था। इसके बाद चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-1974) में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान भी आत्मनिर्भरता पर बल दिया गया था।
वोकल फॉर लोकल क्या है , (vocal for local in Hindi)
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण सारे विश्व में तालाबंदी है और सामान का आदान-प्रदान नहीं हो रहा है । इस समय में हमारी रोजमर्रा की जरूरतों को आसपास के छोटे-मोटे दुकानदार पूरा कर रहे हैं। हमें ज्यादा से ज्यादा कोशिश करनी चाहिए कि हम अपने आसपास निर्मित वस्तुओं (local goods) का प्रयोग करें उनके उपयोग को प्रोत्साहित करें (vocal)
लोकल सामान का इतना प्रचार करें कि वे ग्लोबल बन जाएँ । इससे छोटे कारीगर और मजदूरों को प्रोत्साहन मिलेगा। इसे प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल (vocal for local) का नाम दिया।
आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभ, Five Pillars of Aatm Nirbhar Bharat Abhiyan in Hindi
- अर्थव्यवस्था – एक ऐसी इकॉनॉमी जो इन्क्रीमेंटल चेंज (वृद्धिशील परिवर्तन) नहीं बल्कि क्वांटम जंप(Quantum jump) (बड़ी उछाल) लाए।
- आधारभूत संरचना (Infrastructure) – भारत की सरकार आधारभूत संरंचना में ज़रूरी निवेश के सुधार करेगी जिससे कि स्वदेशी वस्तुएं बाहर से आने वाले उत्पादों का मुकाबला कर सकें।
- तंत्र (Administrative System) – आने वाले समय में ऑनलाइन सर्विस (e-governance) को बढ़ावा दिया जायेगा ।21 वीं सदी में विकास के लिए भारत को टेक्जिनोलॉजी ड्रिवेन सिस्टम की आवश्यकता है | जिससे सरकारी काम में पारदर्शिता बढ़ जाये और लोगों का सरकार पर और भारत पर विश्वास स्थापित हो सके।
- जनसंख्या संरचना ( vibrant demography)– भारत की जनसंख्या में 18 से 35 वर्ष की आयु के लोग सबसे ज्यादा है। इसलिए उन्हें वाइब्रेंट डेमोग्राफी नाम से संबोधित किया है। हमारे पास युवा शक्ति का विशाल भंडार है। इस जनसंख्या के भार को मुनाफे में तब्दील करने के लिए हमें लोगों को ज्यादा से ज्यादा काम देना होगा। उन्हें रोजगार तभी मिल सकता है जब हम लोकल निर्मित वस्तुओं का प्रयोग करें। मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देकर भारत का सामान दूसरे देशों तक पहुंचाना है।
- मांग (Demand) – 137 करोड की जनसँख्या वाले भारत देश में वस्तुओं की मांग की कोई कमी नही है। हमे इस भारी मांग का उपयोग अपने देश के में निर्मित चीज़ों की बिक्री बढाने के लिए करना है। हमें अपनी सप्लाई चेन को मजबूत करना होगा।
इस अभियान में 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज घोषित किया गया है जो कि भारत के जीडीपी का 10% है ।आगे पढ़िए, यह जानने के लिए कि यह 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज किस तरह से सभी क्षेत्रों में बांटा जाएगा –
20 लाख करोड़ के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज से गरीबों को फायदे
- एक करोड़ 70 लाख रुपया प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को दिया जाएगा।
- इंश्योरेंस कवर – जो स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस कोरोना कमांडोज की तरह इस कोरोनावायरस से देश के लिए लड़ रहे हैं, उन स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष लाभ दिया गया है | इस योजना के तहत यदि किसी स्वास्थ्य कर्मी की इस कोरोनावायरस से लड़ाई के दौरान जान चली जाती है तो उस स्वास्थ्य कर्मी के परिवार को 50 लाख रूपए रुपए दिए जाएंगे।
- कोरोना कमांडोज की बहादुरी जानने के लिए निबंध पढ़िए
- वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना के तहत मज़दूर चाहे देश के किसी भी कोने में हों, वहां के राशन डिपो से अपने हिस्से का अनाज ले सकते हैं| इसका फ़ायदा उन सभी प्रवासी मज़दूरों को मिल पाएगा जो रोज़गार के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं।
- आठ करोड़ प्रवासी मज़दूरों के लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन सभी प्रवासी मज़दूरों को भी मुफ़्त अनाज दिया जाएगा जिनके पास राशनकार्ड नहीं है।
- गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले आठ करोड़ गरीब परिवार जो कि उज्जवला योजना के अंतर्गत गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें अगले 3 महीनों तक मुफ्त में गैस सिलेंडर दिया जाएगा।
- 20 करोड़ महिलाओं के पास जन धन अकाउंट है, उन्हें अगले 3 महीनों तक प्रतिमाह ₹500 दिए जाएंगे।
- मनरेगा के मज़दूरों की दिहाड़ी 182 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 202 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है।
- रेहड़ी-पटरी वालों और घरों में काम करने वालों को 10 हज़ार रुपये तक का कर्ज़ मिल सकेगा। पांच हज़ार करोड़ रुपये की सहयोग राशि का ऐलान।
एमएसएमई, MSME -Micro, small and Medium Enterprises
आत्मनिर्भर भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म, लघु, एवं मध्यम वर्गीय गृह उद्योग (MSMEs) को बढ़ावा देकर भारत से बेरोज़गारी और गरीबी को ख़त्म करना है। एमएसएमई जोकि 12 हजार करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है।इस अभियान के अंतर्गत की गयी घोषणाएं इस प्रकार हैं –
- 3 लाख करोड़ के गारंटी फ्री लोन की घोषणा
- एक साल तक ईएमआई चुकाने से मिली राहत
- इस घोषणा से 45 लाख एमएसएमई को फायदा मिलेगा
- इसके अलावा सरकार ने MSME की परिभाषा पूरी तरह बदल दी है
प्रधानमंत्री ने ‘वसुधैव कुटुंबकम‘ कहकर यह इशारा किया कि भारत पूरे विश्व को अपना घर मानता है। भारत की उन्नति में सारे विश्व की उन्नति है। आत्मनिर्भर भारत का अभिप्राय यह नहीं है कि भारत सभी देशों से अपने व्यापारिक रिश्ते तोड़ देगा। भारत अपनी उन्नति में सभी को साथ लेकर चलना चाहता है। हम यह चाहते हैं कि दूसरे देश आकर हमारे देश में विनिवेश करें और भारत की बनी हुई वस्तुएं विश्व के हर कोने में पहुंचे।
आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित होकर २११ गायकों ने ‘जयतु जयतु भारतम’ गीत का निर्माण किया है। सुर-सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने ट्विटर के द्वारा कमेंट कर यह गाना भारत की जनता और प्रधानमन्त्री नरेंदर मोदी को समर्पित किया था।
आत्मनिर्भर भारत निबंध- उपसंहार
वर्तमान में, यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत में सरकारी खर्च का अंतिम स्तर क्या होगा। बहुत से लोग यह कहकर इसकी आलोचना कर रहे हैं कि जीडीपी (GDP) के 10% के प्रस्तावित स्तर से बहुत दूर – आत्मनिर्भर भारत अभियान में वास्तविक सरकारी व्यय जीडीपी का सिर्फ 1% ही अपेक्षित है।
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