बैसाखी पर निबंध |Essay on Baisakhi in Hindi|

इस आर्टिकल, ‘बैसाखी पर निबंध’ में आप 10 lines on Vaisakhi for kids और क्लास 6-12 के लिए Essay on Baisakhi in Hindi पढ़ सकते हैं| इसे पढ़ने के बाद आप जान जायेंगे कि बैसाखी क्या है और बैसाखी क्यों मनाई जाती जाती है| आप यहाँ पता करना चाहेंगे कि पंजाब में बैसाखी कैसे मनाई जाती है | चलिए बैसाखी पर हिंदी जानकारी पढ़ते हैं |

बैसाखी क्या है ? What is Baisakhi in Hindi?

बैसाखी का त्योहार हर वर्ष 13 अप्रैल को मनाया जाता है। यह सिक्खों का प्रमुख त्योहार है।यह पंजाब में फसल पक कर कटने के लिए तैयार हो जाने पर मनाया जाने वाला त्योहार है। यह त्योहार हिंदू नव वर्ष की शुरुआत को भी दर्शाता है।यह त्योहार भारत के विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। जैसे दक्षिणी भारत में पोंगल, असम में बिहू और केरल में विषु के नाम से जाना जाता है। हर प्रांत अपने अलग ढंग से इस त्योहार को मनाता है, किंतु पंजाब का उत्सव देखने लायक होता है क्योंकि पंजाब के पास इस त्योहार को मनाने के दो कारण हैं।

10 lines on Baisakhi for kids in Hindi

  1. बैसाखी को पंजाब में नए वर्ष के रूप में मनाया जाता है।
  2. यह त्योहार नयी फसल आने की ख़ुशी में मनाया जाता है।
  3. इसे बैशाख महीने में मनाने के कारण बैसाखी कहते हैं।
  4. इस दिन खालसा पंथ की स्थापना भी हुई थी |
  5. यह त्योहार हिन्दू नव वर्ष के रूप में भी मनाया जाता है |
  6. यह पंजाब और हरियाणा का सबसे बड़ा पर्व है।
  7. इस दिन गेहूं की फसल की पहली कटाई की जाती है |
  8. बैसाखी के दिन मेले का आयोजन किया जाता है।
  9. यह हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है।
  10. सभी लोग नाचते गाते इस पर्व को मनाते हैं |

पंजाब की बैसाखी (Baisakhi in Punjab in Hindi)

गेहूं (भारत की मुख्य फसल) की पहली उपज बैसाखी के दिन काटी जाती है और प्रार्थना और उत्सव के साथ भगवान को अर्पित की जाती है। इस तरीके से किसान भगवान को अच्छी फसल होने के लिए धन्यवाद देते हैं। पंजाब और हरियाणा भारत के दो बड़े गेहूं उत्पादक राज्य हैं इसलिए यहां वैशाखी के उत्सव की अलग ही छटा देखने को मिलती है।

खालसा क्या है? What is Khalsa in Hindi?

इस दिन( 13 अप्रैल) 1699 को सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। खालसा पंथ की स्थापना का मुख्य लक्ष्य था धर्म व नेकी के लिए सदैव तत्पर रहना।

बैसाखी का महत्त्व, (Importance of Baisakhi in Hindi)

1. पांच अलग-अलग संप्रदाय और  जाति के लोगों ने गुरुजी के बुलाने पर अपने जीवन का बलिदान दिया, गुरु जी ने उन्हें पुनर्जीवित कर अमृत छका कर पंज प्यारे का नाम दिया।
2. सभी सिक्खों को अपने नाम के साथ ‘सिंह’ लगाने का आदेश दिया गया,जिसका अर्थ है शेर के समान निडर।
3. सभी सिक्ख माताएं और बहनें अपने नाम के साथ’ कौर’ लगाएंगी।
4. गुरु चेला की प्रथा को खत्म कर दिया गया।
5. सभी मौकों पर गुरु ग्रंथ साहिब जी के आदेशों का पालन किया जाएगा
सिक्ख इस त्योहार को सामूहिक जन्म दिवस के रूप में मनाते हैं।

बैसाखी के दिन क्या करते हैं? (Importance of Baisakhi in Hindi)

पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब को जश्न और उल्लास के मध्य कक्ष से बाहर लाया जाता है । दूध से छींटारुपी स्नान कराने के बाद ग्रंथ साहिब जी को पूरे शहर में जुलूस के साथ घुमाया जाता है| पंजाबी ढोल की धुन पर पुरुष पंजाब का परंपरागत नृत्य भांगड़ा पेश करते हैं और स्त्रियां गिद्दा डालती हैं| सभी लोग पारंपरिक वस्त्र पहनते हैं। लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा में तैयार होकर संगीत का आनंद लेते हुए इस जुलूस को उल्लास से भर देते हैं। इसके बाद नगर कीर्तन किया जाता है। जिसमें गुरुओं को याद कर उनकी शिक्षाप्रद बातें बताई जाती हैं। सभी लोग स्वादिष्ट लंगर का आनंद उठाते हैं ।

लंगर क्या है? (What is Langar?)

लंगर, जिसे प्रसाद कहां जाता है, हमेशा शाकाहारी होता है ताकि सभी लोग इसका आनंद उठा सकें । शरीर और मन के साथ-साथ रसोईघर और बर्तनों की उत्तम सफाई बहुत जरूरी है । खाना पकाने वाले इधर -उधर की बातें न करें इसलिए वे हर समय गुरबाणी जपजी साहिब का गुणगान करते रहते हैं । ज्यादातर गुरुद्वारों में लंगर की 24 घंटे मुफ्त सेवा होती है । एक शोध के अनुसार औसतन 100000 श्रद्धालु रोजाना स्वर्ण मंदिर के रसोई घर में खाना खाते हैं । विशेष अवसरों पर तो यह संख्या दोगुनी हो जाती है । गुरुद्वारों में राशन कभी खत्म नहीं होता क्योंकि समाज के समृद्ध व्यक्ति भर- भर कर दान देते हैं ।

हिंदू नव वर्ष, (Hindu New Year)

मध्य और उत्तरी भारत में नव वर्ष बैसाखी के दिन मनाया जाता है क्योंकि यह प्रदेश सौर कैलेंडर को मानते हैं । हिंदू कैलेंडर के अनुसार नववर्ष वैशाख के महीने में पड़ता है, इसलिए इसका नाम वैशाखी पड़ गया। अतः फसल कटाई, खालसा पंथ की स्थापना और हिंदू नव वर्ष तीनों के उल्लास को वैशाखी का नाम दिया जाता है। जिसे नाच- गाने, खान-पान, साफ- सफाई और पूजा- प्रार्थना के मध्य खूब धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार हमें पूरे वर्ष मिलजुल कर रहने का संदेश देता है

शब्दअर्थ
विभिन्नअलग अलग
प्रांतो किसी देश का कोई बड़ा भाग; प्रदेश
उत्सवत्योहार ,मेला, जशन, समारोह
अर्पितआदर और प्यार के साथ किसी (भगवान्)को देना
उत्पादकउगाने वाला
परंपरागत पुराने समय से चले आ रहे रिवाज़

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