आज हम एआई, यानी कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान के बारे में जानने वाले हैं। जैसा कि आप सबको पता ही है, आज दुनिया भर में एआई, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का काफी नाम हो रहा है। एआई इंसानों के लिए काफी फायदेमंद भी है और इसके कुछ नुकसान भी है, जिनके बारे में हम सबको जानना बहुत जरूरी है।
तो सबसे पहले हम बात करने वाले हैं एआई के फायदे के बारे में-
जीरो एरर – इंसानों की तुलना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाले उपकरण न केवल कम गलतियां करते हैं बल्कि यह इंसानों की गलतियों को भी ठीक करते हैं। क्योंकि इनके सॉफ्टवेर में पहले से ही प्रोग्रामिंग सेट की होती है जिसमे लिखा होता है कि किस काम को कौन से तरीके से करना हैऔर ये उस दायरे में रहकर ही काम करते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डाटा को स्टोर करता है और उसमें मौजूद गलतियों को पहचान उन्हें सही करता है। इसके अलावा यह सभी गणनाओं को भी बड़ी आसानी से और जल्दी पूरा कर लेता है।
जीरो रिस्क – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक जोखिम भरे काम को भी बिना इंसानी जान माल के नुकसान के आसानी से कर देती है। जैसे कि कहीं बम लगाना, तेल और कोयली की माइनिंग करना, या समुद्र के सबसे गहरे हिस्से की खोज करना। एआई से बनी मशीन या रोबोट का इस्तेमाल किसी भी आपदा के वक्त जीवन रक्षक साबित हो सकता है।
24/7 सपोर्ट– कोई भी इंसान लगातार 24 घंटे किसी भी काम को नहीं कर सकता क्योंकि इंसानी शरीर और दिमाग कुछ समय के बाद थक जाता है जबकि AI से चलने वाले उपकरण बिना रुके काम कर सकते हैं।
बोरिंग और रीपीट वर्क – एक ही जैसा काम (रीपीट वर्क) थोड़े दिन के बाद बोरिंग लगने लगता है इनमे हमारा काफी टाइम वेस्ट होता है. लेकिन आजकल की आधुनिक तकनीक से चलने वाली आटोमेटिक मशीनों में प्रोग्रामिंग सेट की होती है जिससे उन्हें फैसला लेने में बहुत ही कम टाइम लगता है।
हैंड्स फ्री एप्लीकेशन्स – AI से चलने वाले उपकरणों को इतना स्मार्ट बना दिया गया है कि उन्हें हाथ लगाने की भी ज़रुरत नहीं है ये केवल हमारी आवाज़ को पहचान कर ही आज्ञा का पालन कर देता है जैसे अलेक्सा, सीरी, bixby इत्यादि. हवाई जहाज़ और कारें भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा बिना मनुष्य की मदद के ही दौड़ रही हैं।
चिकित्सा जगत – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग ने चिकित्सा जगत में क्रांति ला दी है. पेट का अल्ट्रासाउंड हो या आँतों की फोटो खींचनी हो, दांत में लगे कीड़ों को ढूँढना हो या बालों के झड़ने का कारण जानना हो , AI से लैस उपकरण बटन दबाते ही सब खोज निकालते है.
लड़ाकू विमान और सुरक्षा यंत्र – डिफेंस अब कोई भी देश अपनी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी काफी हद तक AI से चलने वाले लड़ाकू विमानों और सुरक्षा यंत्रों पर छोड़ सकता है. ऑटोमेशन से सैनिकों के बिना युद्ध में उतरे ही लड़ाई लड़ी जा सकती है.
इस धरती पर कोई भी ऐसा अपवाद नहीं है जिसके सिर्फ फायदे हों और कमियाँ ना हों. AI की भी बहुत सी कमियाँ और दिक्कतें हैं . जिन्हें नज़रंदाज़ करने के लिए सावधानी और बुद्धिमता से काम करना आवश्यक है
Artificial Intelligence Speech in Hindi
English Speech on AI
AI की कमियाँ
सेटअप का समय – सालों की मेहनत के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को प्रयोग करने लायक बनाया गया है. जिसमे लाखों करोड़ों रूपए खर्च हुए हैं . वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने दिन-रात ट्रायल एंड एरर किये tab जाकर कहीं आज हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आनंद ले रहे हैं. इसमें रिसर्च और प्रोग्रामिंग सेटअप का समय ज्यादा लगता है।
भावनात्मक संवेदनशीलता – हमे भूलना नहीं चाहिए कि ये मशीन हैं और इनमे मनुष्य जैसी फीलिंग्स नहीं लायी जा सकती . इनसे हर बार एक जैसा ही परिणाम मिलेगा . इमोशनलेस क्रिएटिविटी और भावनात्मक संवेदनशीलता को मशीनों में नहीं ला सकते।
उपयोग में एथिक्स – एआई के उपयोग में एथिक्स की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। मशीन का रिजल्ट उपयोग करने के तरीके पर निर्भर करता है. जिस तरह आग खाना पका भी सकती और अगर काबू से बाहर हो जाए तो घर भी जला सकती है।
निष्कर्ष – AI का अपना दिमाग नहीं है, यह कृत्रिम बुद्धिमता पर निर्भर है इसलिए अंततः मनुष्य को अपनी बुद्धिमानी को आगे रखकर ही AI से काम लेना चाहिए ताकि बेहतर और सही परिणाम मिल सके।
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