इस आर्टिकल में आप पढेंगे आत्मनिर्भर भारत- स्वतंत्र भारत पर निबंध, भारत के 75 वर्ष आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ता एक देश
भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था |वर्ष 2020 में हम भारत की भारत का 74 वां स्वतंत्रता दिवस मनाने वाले हैं| पर क्या हम गर्व से कह सकते हैं कि हम वास्तव में स्वतंत्र हैं ? मुझे लगता है, नहीं |कोई भी देश या कोई भी व्यक्ति तभी स्वतंत्र कहला सकता है जब वे दूसरों पर आश्रित ना हों |
भारत के पिछड़ने के कारण
जब किसी देश की आत्मनिर्भरता के बारे में बात की जाती है तो इसका मतलब यह है कि किसी देश के आयात उसके निर्यात से कम होने चाहिए |तभी हम कह सकते हैं कि वह देश आत्मनिर्भर है | हम क्यों स्वतंत्रता के इतने साल बाद भी दूसरे देशों में बनाई हुई चीजों पर निर्भर है? हमारे बच्चों के हाथ में खेलने वाले खिलौने, हमारे युवाओं के हाथ में सारा टाइम रहने वाले फोन और लैपटॉप, यह सब दूसरे देशों से क्यों आते हैं? खासकर चीन से|
क्या हम इन सभी को अपने देश में नहीं बना सकते? क्या हमारे देश के नौजवानों के पास इतनी काबिलियत नहीं है? आंकड़ों से पता लगता है कि अधिकतर भारत के अनुभवी, तेज़ दिमाग वाले लोग बड़ी-बड़ी विदेशी कंपनियों के शिखर पर हैं |भारत के लोग दूसरे देशों में जाकर उनके लिए नौकरी कर रहे हैं यानी कि दिमाग भारत का और नाम दूसरे देश का हो रहा है|
स्वतंत्र भारत 75 वर्ष – सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता
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आत्मनिर्भर भारत अभियान निबंध, Self Reliant India Campaign Essay
इसकी क्या वजह है भारत के नौजवान डॉक्टर अमेरिका जैसे दूसरे देशों में जाकर बस जाते हैं और उन देशों का नाम रोशन करते हैं| गूगल जिसे सारा विश्व जानता है उस के सीईओ कौन है- सुन्दर पिचाई जो कि मूल रूप से एक भारतीय हैं | हमारे देश के युवा जो भारत में ही रहकर नई-नई खोजें क्यों नहीं करते? नई तकनीक क्यों नहीं बनाते?
इसका मुख्य कारण है हमारे देश की धूल खाती नीतियां|पिछले कुछ सालों से सरकार कोशिश कर रही है कि भारत के लघु और मध्यम वर्गीय उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके| इसी दिशा में सन 2014 में भारत सरकार द्वारा बनाया गया मेक इन इंडिया प्रोग्राम| इस प्रोग्राम के द्वारा सरकार ने विदेशी कंपनियों को भारत में आकर निवेश करने के लिए आमंत्रित किया | इस तरीके की नीतियां बनाई गई जिससे कि कागजी कार्यवाही जल्दी से जल्दी खत्म हो सके और असली काम शुरू हो सके |
भारत को तेल और ईंधन के लिए बाहरी देशों पर निर्भर रहना पड़ता है इसलिए गत 10 वर्षों में भारतीय सरकार अल्टरनेटिव ईंधन पर तेजी से काम कर रही है जिससे कि हम अपने ही देश में ईंधन और बिजली का उत्पादन कर सके और आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से कदम बढ़ाएं |
आत्मनिर्भर भारत की नयी नीतियां
साल 2020 में ही रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन किया गया |इस प्लांट से बहुत ही सस्ती बिजली उत्पन्न होगी इसमें पैदा होने वाली बिजली से दिल्ली मेट्रो को सप्लाई की जाएगी|
मेरा मानना है कि सरकार को व्यक्तिगत स्तर पर भी सौर ऊर्जा पैदा करने के लिए अपनी तरफ से कुछ प्रयास करना चाहिए| हालांकि, सरकार की तरफ से बहुत सी स्कीम है जिसमें लोगों को सोलर पैनल लगाने के लिए जागरूक बनाया जा रहा है ,लेकिन सोलर पैनल्स के महंगे होने की वजह से लोग इससे दूर भागते हैं|
सरकार को अपनी तरफ से कोई ऐसी स्कीम लानी चाहिए जिसमें सरकार लोगों के घर की छतों पर अपने खर्चे से कुछ बजट तय करके सोलर पैनल लगवाए| जिस तरह हम किसी लोन की ईएमआई के द्वारा धीरे-धीरे उसकी भरपाई करते हैं उसी प्रकार सोलर पैनल्स की लागत चुकता हो जाने तक वे लोग अपने घर में पैदा होने वाली बिजली के कुछ अंश की सप्लाई सरकार को करते रहेंगे|
भारत एक ऐसा देश है जिसे प्रकृति से हर तरह की भौगोलिक परिस्थितियों का वरदान प्राप्त है भारत में कड़ाके वाली ठंड भी पड़ती है और भरपूर गर्मी थी इसी प्रकार हमारे देश में ऐसे राज्य भी हैं जहां 12 महीने बारिश होती है और कुछ ऐसे राज्य में हैं जहां ना के बराबर बारिश होती है इससे परेशान होने की वजह हमें इसका चतुराई से और दिमाग लगाकर प्रयोग करना चाहिए |
अपने देशवासियों की जरूरतों को अपने देश में पैदा हुए सामान से ही पूरा कर सकते हैं, हमें इसके लिए दूसरे देशों की तरफ टकटकी लगाने की जरूरत नहीं है |बल्कि हमारे यहां हरित क्रांति के बाद से इतना अनाज पैदा होता है कि हम उसे दूसरे देशों में निर्यात भी करते हैं| भारत में पैदा हुए मसाले और भारत में उगी चाय विदेशों में दूर-दूर तक मशहूर है|
अगर तकनीक और प्रौद्योगिकी की बात करें तो स्वतंत्रता के बाद से भारत ने इन दोनों ही क्षेत्रों में आशातीत उन्नति की है आशातीत प्रगति की है जिसके कारण हम अपने देश में भारी मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, बड़े से बड़े हेलीकॉप्टर, जहाज इत्यादि का देश में ही निर्माण कर रहे हैं जिसको देखकर आगे आने वाले बच्चों को प्रेरणा भी मिलती है|
24 सितंबर 2014 को भारत में ही निर्मित मंगलयान को एक ही बार में सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित कर भारत ने सभी देशों को यह दिखा दिया कि भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बड़े-बड़े देशों से पीछे नहीं है|
सन 2020 में जब पूरा विश्व कोरोना संकट से जूझ रहा था उस समय भारत के लिए और भी बहुत सी परेशानियां थी- चीन द्वारा सीमाओं पर बढ़ रही युद्ध की आशंका, बढ़ती बेरोजगारी, आसमान छूती महंगाई आदि| चौतरफा समस्याओं से संघर्षरत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय आत्मनिर्भर भारत अभियान की योजना प्रस्तुत की | उनका मानना है कि कि इन सभी तमाम समस्याओं से तभी बचा जा सकता है जब हमारा देश आत्मनिर्भर बने|
आत्मनिर्भर भारत अभियान की मुहीम को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए अगस्त 2020 में रक्षा मंत्रालय ने 101 डिफेन्स आइटम्स के निर्यात पर रोक लगा दी है | ऐसा इसलिए किया गया ताकि इन सभी को अपने देश में ही बनाया जाए | इससे रोज़गार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी |
पिछले कुछ सालों में चीन में निर्मित वस्तुओं कि भारत में बहुत अधिक डिमांड हो गई थी जिसके कारण भारत में ज्यादातर समान चीन से आता था |चीन ने सोचा कि भारत उस पर निर्भर है इसलिए चीन ने अपनी बात मनवाने के लिए एलएसी पर युद्ध करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने चीनी सामान का बहिष्कार करके और चीनी एप्स को बैन कर यह साबित कर दिया है कि भारत आत्मनिर्भर है और किसी दूसरे देश पर अपनी जरूरतों के लिए निर्भर नहीं है|
मुझे लगता है कि आत्म निर्भर भारत में मेरा कर्त्तव्य है कि अपने देश में निर्मित और अपने आसपास बनी हुई चीजों का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें जिससे कि हम उन्हें दूसरे देशों तक भी पहुंचा सके| हमें दूसरे देशों में बनाई हुई चीजों का सहारा ना लेना पड़े | इससे हमारे देश का संपूर्यण विकास होगा |यह केवल सरकार का दायित्व नहीं है यह जितनी सरकार की जिम्मेदारी है उतनी ही नागरिकों की भी जिम्मेदारी है |सभी नागरिकों को इस प्रयास में अपना 100% सहयोग देना होगा तभी हम सब शान से कह पायेंगे -‘आत्मनिर्भर भारत- स्वतंत्र भारत’
स्वतंत्र भारत 75 वर्ष – सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता
भारत की नयी शिक्षा नीति|New Education Policy India 2020|
रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट क्या है? हिंदी निबंध
‘प्रत्येक असफलता में एक अवसर छुपा होता है’
आत्मनिर्भर भारत अभियान निबंध, Self Reliant India Campaign Essay
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