आज की नारी सब पर भारी हिंदी निबंध | Women Empowerment Essay

Hindi Essay on Aaj ki Nari Sab Par Bhaari, भारत की महान नारियों पर निबंध, भारत में महिला सशक्तिकरण, Women Empowerment Essay, भारत की आधुनिक नारी, आज की नारी सब पर भारी’ निबंध

आधुनिक नारी की दोहरी भूमिका

आज 21वीं शताब्दी में भारत को अपनी उपलब्धियों पर गर्व है । चाँद पर कदम रखने से लेकर विज्ञान और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में हमने आशातीत सफलता हासिल की है । क्या यह सब महिलाओं के सहयोग के बिना संभव हो पाया है? नहीं, तो फिर महिलाओं को अबला -नारी समझना कहां तक सार्थक है? आज की नारी के बढ़ते कदमों ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है |

आज की 75% महिलाएं शिक्षित हैं। इसलिए हम कह सकते हैं – सशक्त नारी, सशक्त भारत | शिक्षा रूपी हथियार ने महिलाओं को उनके अधिकार और कर्तव्य से भली-भांति अवगत कराया है। पहले महिलाएं केवल घर का चूल्हा चौका करती थी और मात्र संतान उत्पत्ति का साधन मानी जाती थी । उनके पास इतना अधिक खाली समय होता था कि घर की औरतें छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा करती थी और वह झगड़ा कई बार बड़ा रूप लेकर घरेलू हिंसा का कारण बनता था।

भारत में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment in India)

परन्तु आज की नारी अति व्यस्त है । वह दिन प्रतिदिन नई-नई चीजें सीख कर अपना शारीरिक और मानसिक विकास करने में जुटी है । महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरुषों से आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं। आप किसी भी क्षेत्र का नाम लीजिए, सब जगह महिलाओं की बराबर की साझेदारी पाएंगे ।

भारतीय नारी की उपलब्धियां

भारत देश का इतिहास तो वीरांगनाओं के नाम से भरा पड़ा है । इस देश ने हमेशा ही संघर्ष कर आगे बढ़ने वाली महिलाओं की जय जयकार की है और सब उनके आगे नतमस्तक हुए हैं। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, रानी पद्मावती, भारत की पहली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ,बचेंद्री पाल, मिताली राज ,सुष्मिता सेन । ये कुछ ऐसे नाम हैं जो समाज और परिवार की बेङियों को तोड़कर आगे आई । इन्होंने विश्व को दिखा दिया है कि औरतें किसी भी तरीके से अपने पुरुष साथियों से कम नहीं है।

नारी- देवी का रूप

हम कैसे कह सकते हैं कि महिलाओं को सम्मान नहीं दिया जाता? संस्कृत में एक श्लोक है- ‘यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता’ अर्थात, जहाँ नारी की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं । भारत में महिलाओं को हमेशा से उच्च दर्जा दिया गया है । शिक्षित महिलाएं अपने अधिकार और कर्तव्यों को अच्छी तरह पहचानती हैं । आज की महिलाएं केवल घर ही नहीं चलाती अपितु घर खर्च में आर्थिक सहयोग भी प्रदान करती है ।

आज की महिला जागरूक है, जिज्ञासु है, उसने ज्ञान अर्जित किया है। वह ज्यादातर मुद्दों पर अपनी राय प्रकट करती है। घर के सभी रिश्तों को शालीनता के साथ निभाते हुए वह अपने पति और बच्चों के साथ अपने जीवन का आनंद उठाती है ।
उच्च और निम्न दोनों ही वर्ग के माता-पिता अपने बच्चे और बच्चियों को समान रूप से शिक्षा के अवसर प्रदान करते हैं । ताकि, भविष्य में उनकी लड़कियां आत्मनिर्भर बन सकें। शादी के समय वर पक्ष के माता -पिता अपने बेटे के लिए पढ़ी लिखी बहू चाहते हैं, जो समाज में उनका नाम ऊंचा कर सके और साथ ही साथ घर के खर्चों में हाथ बंटा सके ।

पुलिस,मजिस्ट्रेट, मंत्री, उद्यमी,प्रशासनिक अधिकारी ,डॉक्टर, इंजिनियर, जैसे उच्च पदों पर पुरुषों के साथ महिलायें भी सुशोभित हैं । खेलों में भी पी.टी.उषा ,मिताली राज, सान्या नेहवाल, पी.वी.सिन्धु, सान्या मिर्ज़ा,मैरी कोम जैसी बेटियों ने भारत को नई ऊचाईयों पर पहुंचाया है ।

Women Empowerment Hindi Speech by Droupadi Murmu

भारत में महिला सुरक्षा कानून

भारत की आधुनिक नारी को आगे बढ़ाने में पुरुषों ने भरपूर योगदान दिया है। हमारे पिता,भाई और दोस्त सभी चाहते हैं और कोशिश भी करते हैं कि लड़कियां आगे बढ़े । आज बेटी और बहू के बीच का भेद मिट गया है पुरुषों के इस समाज में स्त्रियों को अधिक से अधिक सुविधाएं दी जा रही हैं। निम्न वर्ग की मजदूर महिलाओं और घरों में काम करने वाली बाइयों की दशा सुधारने के लिए हमारी सरकार भरसक प्रयत्न कर रही है। जैसे: बेटी बचाओ; बेटी पढाओ, महिला-ए-हात, स्वधर घर, सखी हेल्पलाइन इत्यादि।

आज औरतें और लड़कियाँ घर और देश के सभी मामलों में अपनी इच्छा से फैसलें लेने के लिए स्वतंत्र हैं वे कहीं भी घूमें, अपनी मर्ज़ी के कपड़े पहनें और अपनी पसंद के व्यक्ति को वोट देकर देश की राजनीति में सक्रिय रहती है ।

औरतों के लिए इतनी सुविधाएं और कानून होने के बावजूद भी समाज के कुछ चरित्रहीन लोग तंदूर काण्ड, निर्भया काण्ड, जेसिका लाल मर्डर केस जैसे जघन्य अपराध करने से हिचकते नहीं हैं । कुछ मामलों में महिला सुरक्षा को लेकर चूक हो गई है इसके लिए हमारी सरकार को कुछ कड़े कानून बनाने होंगे ताकि जो लोग बलात्कार, हिंसा और महिलाओं से छेड़खानी जैसे कार्यों में संलग्न होते हैं उन पर रोक लग सके । ऐसे अपराधियों को मृत्यु दंड या आजीवन कारावास जैसी सख्त सज़ा दी जानी चाहिए ताकि महिलाएं बिना डरे शान से सबको साथ लेकर आगे बढ़े सकें।

निष्कर्ष: आज की नारी सब पर भारी निबंध

मेरा ऐसा मानना है कि जब कुछ स्त्रियां यह शिकायत करती हैं कि उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा तो इसमें उन स्त्रियों की खुद के प्रयत्न में कमी है । जितनी भी स्त्रियां आज आगे आई हैं । जिनका देश में ऊंचा नाम है । उनको देखकर सभी पुरुष भी ताली बजाते हैं और यह कहकर उनकी प्रशंसा करते नहीं थकते कि, ‘आज की नारी सब पर भारी’ ।

शब्दअर्थ
उपलब्धियाँप्राप्ति, महत्वपूर्ण सफलता,
आशातीतउम्मीद से ज़्यादा
सार्थक उचित, महत्वपूर्ण
चूल्हा चौकाघर में खाना पकाना
जिज्ञासुकुछ नया सीखने और जानने की इच्छा रखने वाली
सुशोभित विराजित, सम्मान के साथ

ज़रूर पढ़ें :
5 Latest Poems on Women’s Day 8th March
मानव के लालच और स्वार्थ का प्रकृति पर प्रभाव निबंध
ई-कचरा पर निबंध
प्रत्येक असफलता में एक अवसर छिपा होता है’ निबंध
लॉकडाउन पर निबंध
भारत की नयी शिक्षा नीति निबंध
मेरा उद्देश्य और मेरे प्रयास
ज़िन्दगी में खेलों का महत्त्व निबंध
गर्मी की छुट्टियाँ

Leave a Comment